You can Download अकाल और उसके बाद Questions and Answers, Summary, Activity, Notes, Kerala Syllabus 10th Standard Hindi Solutions Unit 3 Chapter 1 help you to revise complete Syllabus and score more marks in your examinations.
Kerala State Syllabus 10th Standard Hindi Solutions Unit 3 Chapter 1 अकाल और उसके बाद (कविता)
अकाल और उसके बाद Text Book Activities & Answers
अकाल और उसके बाद विश्लेषणात्मक प्रश्न
i. पढ़ें और चर्चा करें
अकाल और उसके बाद Notes Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 1.
कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास
कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास
चूल्हे का रोना और चक्की का उदास होना- इसका मतलब क्या है?
उत्तर:
इससे कवि यह बताना चाहते हैं कि घर में खाद्य वस्तुओं का बिलकुल अभाव है। कई दिनों इन दोनों का कोई इस्तेमाल नहीं हुआ है।
Akaal Aur Uske Baad Summary Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 2.
कई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गश्त
कई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त
ये पंक्तियाँ किस हालत की ओर इशारा करती हैं?
उत्तर:
घर में कई दिनों से खाने की चीजें नहीं हैं। जहाँ खाना नहीं होगा वहाँ दीप जलाने के लिए तेल की भी संभावना नहीं। तो वहाँ छोटे कीड़ों का होना असंभव है। इससे छिपकली परेशान है। इसलिए वे कीड़ों को तलाशते हुए दीवार पर घूम रहे हैं। घर में कोई खाद्य वस्तु नहीं है। इससे चूहे भी हार गए हैं।
Akal Aur Uske Baad Poem Summary In Hindi Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 3.
दाने आए घर के अंदर कई दिनों के बाद
धुआँ उठा आँगन से ऊपर कई दिनों के बाद
इन पंक्तियों से कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर:
अकाल के बाद के दिनों का चित्रण कवि ने इन पंक्तियों द्वारा किया है। अकाल के बाद घर में दाने आने पर घर के आँगन से ऊपर धुआँ उठता है। मतलब चूल्हा जलने लगा है। यह घर में खाने पकाने की ओर इशारा करता है।
Akal Aur Uske Baad Summary In Hindi Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 4.
कवि ने अकाल का चित्रण किस प्रकार किया है? चर्चा करें।
अकाल:
i. चूल्हे का रोना
ii. भीत पर छिपकलियों की गश्त
iii. चक्की का उदास रहना
iv. शिकस्त हालत वाले चूहे
उत्तर:
अकाल के भीइषण समय में चूल्हे रो रहे हैं। घर की दीवारों पर छिपकलियाँ खाना न मिलने की वजह से विवश होकर घूम रहे हैं। चक्की उदास है, मतलब कई दिनों से उसका कोई उपयोग नहीं है। चूहे पराजित-सा हो गए हैं। क्योंकि घर में दाने का अभाव ने उनके पेट भरने की आशा को निराशा बना दिया है।
Akal Aur Uske Baad Poem Summary In Malayalam Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 5.
कवि ने अकाल के बाद के हालत का चित्रण किस प्रकार किया है? चर्चा करें।
अकाल के बाद:
i. घर के अंदर दाने का आना
ii. घर भर की आँखों का चमक उठना
iii. आँगन के ऊपर धुएँ का उठना
iv. कौए के पंखों का खुजलाना
उत्तर:
घर के भीतर दाने आते हैं। घर भर की आँखें चमक उठती हैं। अभी भोजन बना नहीं है। लेकिन अन्न की आहट ने ही आँखों में रोशनी भर दी है। उम्मीद इसी तरह रोशनी लाती है। फिर धुआँ उठता है छप्पर के ऊपर ! यानि चूल्हा जल गया है। यह धुआँ शुभ संकेत दे रहा है। और कौए अब अपने पंख खुजला रहे हैं।
Akal Or Uske Baad Summary In Hindi Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 6.
चर्चा करें
कविता में कई दिनों तक और कई दिनों के बाद दूहराने का तात्पर्य क्या हो सकता है
उत्तर:
आचार्य नागार्जुन की कविता है ‘अकाल और उसके बाद।’ कविता की पहली चार पंक्तियों में कई दिनों तक’ की पुनरावृत्ति अभाव की निरंतरता को अंकित करती है। कविता में दूसरे खंड की चार पंक्तियों में कई दिनों के बाद ‘तक’ और ‘बाद’ के बीच एक लंबे अंतराल को व्यंजित करती है
Akal Aur Uske Baad Question Answer Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 7.
अकाल के क्या-क्या कारण हो सकते है? चर्चा करें।
उत्तर:
अकाल और उसके बाद’ कविता में बिहार राज्य में हुई अकाल का आँखों देखा हाल है। अकाल पडने के मुख्य कारण प्राकृतिक आपदाएँ (National Calamities) अत्याधिक जनसंख्या, फसलों की असफलता, दरिद्रता एंव बेरोज़गारी, सरकारी दुकानों का प्रभावशाली ढंग से प्रबंधन न होना आदि है। भूकंप हिम झंझावत, बाढ़, सूखा तथा महामारी के कारण अकाल की परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है। संसाधनों से अधिक जनसंख्या के कारण कृषि पर अधिक भार पडता है। फसलों की असफलता होने पर भी अकाल पडता है। गरीब एंव बेरोज़गार लोगों की खाघ सामग्री खरीदने की क्षमता बहुत कम होती है। सरकारी दूकानों पर गरीब लोगों को सही समय पर पर्याप्त मात्रा में खाघ सामग्री नहीं मिलती। इस प्रकार का भ्रष्टाचार भी अकाल पडने में सहायक होता है।
अकाल और उसके बाद कविता का सारांश Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 8.
कविता की प्रासंगिकता पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
बेहाल दीवजंतु
‘अकाल और उसके बाद’ कवि नागार्जुन रचित कविता है। इसमें गरीब, बेबस, . व्यक्तियों के जीवन में व्याप्त भुखमरी और उससे उबरने का चित्र अंकित किया गया है। गरीब व्यक्ति ही बिना अन्न परेशान नहीं है। वरना जीवजंतुओं का हाल भी बेहाल है। छिपकालियाँ दीवारों पर गश्त लगाती है, परंतु उन्हें कुछ नहीं मिलता। चूहे भी भुख से व्याकुल हैं।
प्रस्तुत कविता में प्रत्यक्ष रूप से मनुष्य का चित्रण नहीं है। परंतू अन्न, भोजन, चूल्हा जलाना ये चारी चिजें मनुष्य संबंधित है। मनुष्य पूरी परिस्थिति में विघमान है। अकाल की विभीषिका आ जाती है, वह भी बडी शब्दावली में। अकाल जीवन को स्थगित करता है और अन्न जीवन में हलचल पैदा करता है। जनवादी कवी प्रस्तुत कविता में गरीबी का, भुखमरी का साक्षात्कार किया गया।
कवी जीवन की दो विरोधी स्थितियों को अलग-अलग बिंबों के माध्यम से व्यक्त करता है। ये बिम्ब यों तो जीवन की विरोधी स्थितियों को बड़ी सहजता से व्यक्त करते है। जब तक भूख रहेगी तब तक अकाल और उसके बाद कविता भी रहेगी।
अकाल और उसके बाद Orakkum Questions and Answers
गतिविधि – 1
सूचना :‘अकाल और उसके बाद’ कविता का यह अंश पढ़े और अनुबद्ध प्रश्नों के उत्तर लिखें।
कई दिनों तक चुल्हा रोया, चक्की रही उदास
कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास
कई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलिया की गश्त
कई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त।
Akal Aur Uske Baad Kavita Ka Saransh Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 1.
इस कविता में किन-किन जीव-जंतुओं का जिक्र है?
उत्तर:
कानी कुतिया, छिपकलियाँ, चूहे, कौए।
Akal Aur Uske Baad Ka Saransh Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 2.
इसमें किन-किन निर्जीव वस्तुओं के बारें में बताया गया है?
उत्तर:
चूल्हा, चक्की, भीत।
Akal Or Uske Bad Summary Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 3.
निर्जीव वस्तुओं का मानवीकरण हुआ है। दो-एक उदाहरण बताइए।
उत्तर:
चूल्हे का रोना, चक्की का उदास रहना।
Akal Aur Uske Bad Kavita Ka Saransh Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 4.
जीव-जंतुओं के व्यवहारों की विशेषता क्या है?
उत्तर:
चूल्हे के जलने और चक्की के चलने की प्रतीक्षा में कानी कुतिया उनके पास सो गई। कई दिनों . तक चूहों की हालत बहुत दयनीय है। भूख से तड़पती छिपकलियाँ दीवार पर टहलती रही थी।
Akal Or Uske Bad Kavita Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 5.
इन जीव-जंतुओं और निर्जीव वस्तुओं की व्याकुल स्थिति का कारण क्या है?
उत्तर:
अकाल
प्रश्ना 6.
इन पंक्तियों के द्वारा कवि क्या कहना चाहते हैं?
उत्तर:
अकाल का समय केवल मानव पर ही नहीं, पूरे समाज पर पड़ता है। इसकी हानी कुछ समय केलिए भी समाज पर बनी रहती है।
प्रश्ना 7.
कवितांश का टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
नागार्जुन हिन्दी के प्रगतिशील साहित्यकार हैं। लोकजीवन, प्रकृति और समकालीन राजनीति आप की रचनाओं के मुख्य विषय हैं। इस कविता में कवि अकाल की दयनीय स्थिति का वर्णन करते हुए कहते है कि कई दिनों से वहाँ अकाल पड़ा था। अकाल के दिनों में घर में अनाज का एक दाना भी नहीं था। कई दिनों से घर का चुल्हा नहीं जलाया था। अर्थात घर में भोजन नहीं बनाया था। इस से चुल्हा रो रहा था और चक्की उदास पड़ी थी। घर की दीवारों पर छिपकलियाँ घूम रही थी। चुल्हे और चक्की के पास घर की कानी कुत्तिया अनाज आने के प्रतीक्षा में सो रही थी। चूहों को भी खाने केलिए कुछ नही मिला था। यह सब अकाल की दयनीय दशा था।
अकाल और उसके बाद SCERT Questions and Answers
गतिविधि – 1
सूचनाः ‘अकाल और उसके बाद’ कविता का यह अंश पढ़े और अनुबद्ध प्रश्नों के उत्तर लिखें।
दाने आए घर के अंदर कई दिनों के बाद।
धुआँ उठा आँगन से ऊपर कई दिनों के बाद।
चमक उठी घर भर की आँखें कई दिनों के बाद।
कौए ने सुजलाई पॉखे कई दिनों के बाद।
प्रश्ना 1.
पंक्तियों में किसका वर्णन हैं? (अकाल की स्थिति का, अकाल के पूर्व की स्थिति का, अकाल के बाद की स्थिति का)
उत्तर:
अकाल के बाद की स्थिति का।
प्रश्ना 2.
‘चमक उठीं घर भर की आँखें’ – का मतलब क्या हैं?
उत्तर:
अकाल के बाद घर में खाना पकाने लगा। कई दिनों के बाद चुल्हा में आग जलने लगे।
अकाल और उसके बाद Additional Questions and Answers
अकाल और उसके बाद आशयग्रहण के प्रश्न
प्रश्ना 1.
‘चक्की रही उदास और चूल्हा रोया’ -से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
इससे कवि यह बताना चाहते हैं कि घर में खाद्य वस्तुओं का बिलकुल अभाव है। कई दिनों इन दोनों का कोई इस्तेमाल नहीं हुआ है।
प्रश्ना 2.
छिपकली, कानी कुतिया और चूहों की हालत खराब क्यों थी?
उत्तर:
घर में कई दिनों से खाने की चीजें नहीं हैं। जहाँ खाना नहीं होगा वहाँ दीप जलाने के लिए तेल की भी संभावना नहीं। तो वहाँ छोटे कीड़ों का होना असंभव है। इससे छिपकली परेशान है। घर में खाना न होने से कानी कुतिया और चूहे भी परेशान हैं।
प्रश्ना 3.
घर में रहनेवाले मानव और जीव-जंतुओं की किस समान भावना को कवि ने इस कविता में प्रकट किया है?
उत्तर:
चाहे घर के मानव हो या जीव-जंतु, सब भोजन सामग्री के नितांत अभाव में परेशान हैं। उनकी इस विवशता को कवि ने इस कविता में प्रकट किया है।
अकाल और उसके बाद विश्लेषणात्मक प्रश्न
प्रश्ना 1.
कानी कुतिया कहाँ सोई हुई थी? क्यों?
उत्तर:
कांनी कुतिया उदास रही चक्की के पास सोई हुई थी। क्योंकि उसे कहीं भी खाने को कुछ मिलने की संभावना नहीं थी।
प्रश्ना 2.
दीवारों पर छिपकलियाँ क्या कर रही थीं। ऐसा करने का कारण क्या है?
उत्तर:
छिपकलियाँ दीवारों पर गश्त लगा रहे थे। कठिन अकाल के समय घर में कोई दीया भी जलने की संभावना न होगी। ऐसे में छिपकलियों के लिए कीड़ों को मिलना भी मुश्किल है। इसलिए वे गश्त लगा रहे होंगे।
प्रश्ना 3.
‘चमक उठी घर भर की आँखें’ -इस प्रयोग का मतलब क्या होगा?
उत्तर:
आँखें जीव-जंतुओं की होती हैं। लेकिन यहाँ कवि ने निर्जीव वस्तुओं में भी मानवीय गुण का आरोप किया है। ऐसे में चूल्हा, चक्की, कुतिया, छिपकली, चूहा आदि घर के सब निर्जीव और सजीव घर में दाने आने के कारण खुश हैं। यही इसका मतलब है।
अकाल और उसके बाद विधात्मक प्रश्न
प्रश्ना 1.
कविता की प्रासंगिकता पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
अकाल और उसके बाद
इस छोटी-सी कविता के चार पंक्तियों में अकाल का विवरण है और चार पंक्तियों उसके बाद का दृश्य। इन चार पंक्तियों में भी “कई दिनों तक” हर पंक्ति के शुरू में बार-बार दुहराया जाता है। इसके बाद बहुत थोड़े-से सरल शब्द बजते हैं जिसमें अकाल की कथा कही गई है। इस अकाल कथा की पहली चार पंक्तियों में मनुष्य कहीं नहीं है। बिंबों में चूल्हा-चक्की है, कानी कुतिया है, चूहे हैं और छिपकलियाँ हैं।
अनाज नहीं है तो चूल्हा और चक्की तो उदास और उतरे हुए मुँह के होंगे ही। कुतिया है वह भी कानी। क्योंकि गरीब घर की है। संपन्न घर के कुत्ते तो झबरे बालों वाले सुंदर कुत्ते होते हैं। रोटी की आस में चक्की के पास पड़े नहीं रहते। छिपकलियाँ भला क्यों भीतर परेशान हाल गश्त लगा रही है? क्योंकि वे तो दाल-रोटी खाती नहीं हैं, कीड़े खाती हैं। लेकिन जिस घर में भोजन नहीं है वहाँ तेल क्या होगा! लिहाजा रात को घर में दीया भी नहीं जलता होगा और कीड़े तो रात की रोशनी में आते हैं। दिन की रोशनी में नहीं आते। ऐसे में छिपकलियाँ भी भूख की मारी हैं। चूहे तो कुत्ते की तरह स्वामीभक्त होते नहीं। शिकस्ता हाल चूहे उस घर में कर क्या रहे हैं? चूंकि अकाल पड़ा है, इसलिए गाँव के किसी घर में अन्न नहीं होगा। वरना चूहे वहाँ चले जाते। खेतों में तो अन्न होने का सवाल ही नहीं उठता! वरना हम जानते हैं कि चूहे खेतों से अन्न चुराकर अपने बिलों में घसीट ले जाते हैं।
बाद की चार पंक्तियों में हर पंक्ति का अंत ‘कई दिनों के बाद’ से होता है। जो भी होता है हर पंक्ति में कई दिनों के बाद’ होता है। घर के भीतर दाने आते हैं। घर भर की आँखें चमक उठती हैं। अभी भोजन बना नहीं है। लेकिन अन्न की आहट ने ही आँखों में रोशनी भर दी है। उम्मीद इसी तरह रोशनी लाती है। फिर धुआँ उठता है छप्पर के ऊपर ! यानि चूल्हा जल गया है। यह धुआँ शुभ संकेत दे रहा है।
और कौए अब अपने पंख खुजला रहे हैं। क्योंकि इन पंखों से वे बहुत तेज़ी से उठते हैं और किसी भी थाली में झपट्टा मारके अपने हिस्से की रोटी ले उठते हैं। . धुआँ देखकर वे भी उम्मीद से भर उठते हैं। कुत्ते, चूहे, छिपकलियाँ और कौए भी सामाजिक प्राणी हैं। वे बस्तियों में, घर में मनुष्यों के साथ ही रहना चाहते हैं। उजाड़ में नहीं।
प्रश्ना 2.
‘कौए ने खुजलाई पाँखें कई दिनों के बाद’ – कविता के संदर्भ में पंक्ति का विश्लेषण करें।
उत्तर:
कवि अकाल के बाद की स्थिति को सामने लाते हैं। अकाल की भयावह स्थिति से बेचारा कौआ भी हतबुद्धि था। लेकिन झूठ-मूठ की आशा जगते ही वह प्रबुद्ध होकर पंख खुजलाने लगा। कविता का दूसरा अंश, निम्नवर्गीय समाज की जिजीविषा और उसकी संघर्षशील प्रवृत्ति को सामने लाता है। यह बड़ी बात है कि भारतीय समाज का यह हिस्सा अत्यंत धैर्य से भरा है। वह अकाल में बेघर होता है, न जाने किन-किन कैंप-खंडहरों में शरण लेता है, फिर अपने नीड़ में लौटता है और फिर से उसका चूल्हा जलता है। यह कविता भारतीय समाज में परिवार के उस गठन को भी सामने लाती है जिसमें मनुष्य के साथ ही पशु-पक्षियों का भी बसेरा होता है।
अकाल और उसके बाद Summary in Malayalam and Translation
अकाल और उसके बाद शब्दार्थ