Students can Download Kerala SSLC Hindi Model Question Paper 4 Pdf, Kerala SSLC Hindi Model Question Papers helps you to revise the complete Kerala State Board New Syllabus and score more marks in your examinations.
Kerala SSLC Hindi Model Question Paper 4
सामान्य निर्देश:
- पहला पंद्रह मिनट कूल ऑफ़ टाईम है।
- इस समय प्रश्नों का वाचन करें और उत्तर लिखने की तैयारी करें।
Time: 2½ Hours
Total Score: 80 Marks
सूचना: ‘बसंत मेरे गाँव का’ लेख का अंश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
उधर बच्चे फूलदेई के जश्न में शामिल होते हैं और इधर। बड़े ढोल-दमाऊ की थाप पर चैती गीत गाते हैं।
प्रश्न 1.
फूलदेई किस ऋतु में मनाया जाता है? (1)
उत्तर:
बसंत ऋतु में
प्रश्न 2.
‘बच्चे’ के बदले ‘बच्ची’ का प्रयोग करके वाक्य का पुनर्लेखन करें। (1)
उत्तर:
बच्ची फूलदेई के जश्न में शामिल होती है।
प्रश्न 3.
फूलदेई त्योहार के बारे में एक अनुच्छेद लिखें। (4)
उत्तर:
फूलों का त्योहारः फूलदेई
उत्तराखंड के हिमालयी आँचलों का प्रमुख त्योहार है – फूलदेई। यह बच्चे का एक बड़ा त्योहार है। यह फूलों का त्योहार है। यह बसंत ऋतु में मनाया जाता है। बच्चे देर शाम तक फूल चुनते हैं। इन फूलों को रिंगाल से बनी टोकरियों में रखा जाता है। सुबह होने पर बच्चों की टोलियाँ गाँव भर घूमती है और फूलों से घरों की देहरियाँ सजाते हैं; घरवाले बच्चों को चावल, दाल, गुड़ आगि दक्षिण के रूप में देते हैं। फूलदेई के अंतिम दिन इन चीज़ों से सामूहिक भोज बनाते हैं। भोज का पूरा आयोजन बच्चे स्वयं करते हैं। इस अवसर पर नाचगान होते हैं। औजी लोग चैती गीत गाते हैं। फूलदेई खूशी और मस्ती का त्योहार है। यह इक्कीस दिन तक मनाते हैं।
सूचनाः ‘गुठली तो पराई है’ कहानी का अंश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
गुठली बोली, “अपना घर? यही तो है मेरा घर, जहाँ मैं पैदा हुई। बुआ हँसके बोली, “अरी बेवकूफ, यह घर तो पराया है।
प्रश्न 4.
बुआ के अनुसार लड़कियों का असली घर कौन-सा है?
(अपना ही घर, मामाजी का घर, ससुराल) (1)
उत्तर:
ससुराल
प्रश्न 5.
‘मेरा’ में प्रयुक्त सर्वनाम कौन-सा है? (1)
उत्तर:
मैं
प्रश्न 6.
‘लड़का-लड़की बराबर है’ – पोस्टर तैयार करें। (4)
उत्तर:
सूचनाः ‘टूटा पहिया’ कवितांश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
अपने पक्ष को असत्य जानते हुए भी
बड़े-बड़े महारथी
अकेली निहत्थी आवाज़ को
अपने ब्रह्मास्त्रों से कुचल देना चाहें
तब मैं
रथ का टूटा हआ पहिया
उसके हाथों में
ब्रह्मास्त्रों से लोहा ले सकता हूँ!
प्रश्न 7.
‘लोहा लेना’ से क्या मतलब है?
(सामना करना, पीछे करना, शुरू करना, बंद करना) (1)
उत्तर:
सामना करना
प्रश्न 8.
कविता में टूटा पहिया’ किसका प्रतिनिधित्व करता है? (1)
उत्तर:
तुच्छ मानव या उपेक्षित मानव का।
प्रश्न 9.
‘टूटा पहिया ब्रह्मास्त्रों से लोहा ले सकता है!’ इसका क्या मतलब है? (2)
उत्तर:
इसका मतलब यह है छोटे दिखनेवाले या तुच्छ समझनेवाले भी कभी कभी काम आता है। वीर अभिमन्यु को चक्रव्यूह में टूटे पहिए का सहारा लेना पड़ा था। टूटे पहिए भी ब्रह्मास्त्र जैसे शक्तिशाली हथियारों से सामना करने की क्षमता रखता है।
प्रश्न 10.
कवितांश का आशय लिखें। (4)
उत्तर:
आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि श्री धर्मवीर भारती की कविता हैं टूटा पहिया। यह एक प्रतीकात्मक कविता है। यह आत्मकथात्मक शैली में लिखी गई कविता है। कवि कहते हैं कि महाभारत युद्ध के अवसर पर कर्ण, द्रोण, भीम जैसे महारथी लोग जो अन्याय के पक्षधर है, निसहाय, निरीह और निहत्थे बालक की आवाज़ को कुचल देना चाहा।
ब्रह्मास्त्रों से लोहा लेने की क्षमता टूटे पहिए में है। उसमें बड़ी ताकत है। इसलिए टूटे पहिए को निस्सार वस्तु समझकर मत फेंको। यह कभी भी काम आएगा। यह महाभारत की पौराणिक कथा के आधार पर लिखी गई प्रतीकात्मक कविता है। टूटा पहिया उपेक्षित या तुच्छ मानव का प्रतीक है और अभिमन्यु उच्च मानव का।
सूचनाः ‘ठाकुर का कुआ’ कहानी का अंश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
हम लोगों को आराम से बैठे देखकर जैसे मरदों को जलन होती है। हाँ यह तो न हुआ कि कलसिया उठाकर भर लाते।
प्रश्न 11.
स्त्रियों रात को कहीं जा रही थी? क्यों? (2)
उत्तर:
स्त्रियाँ ठाकुर के कुएँ पर जा रही थीं। वे पानी भरने के लिए कुएँ के पास आई थीं।
प्रश्न 12.
प्रस्तुत प्रसंग के आधार पर पटकथा का दृश्य लिखें। (4)
उत्तर:
- सीन संः 7
- स्थान: ठाकुर के कुएं के पास का रास्ता।
- समय: रात को नौ बचे।
- पात्र: औरत एक, चालीस साल औरत दो, चाली साल
- वेशभूषा: दोनों औरतें साड़ी – ब्लाउज पहनी हुई है।
संवाद
- औरत एकः (जलन के साथ) देखो दीदी, ये मर्द लोग कितने बुरे हैं।
- औरत दो: तुम ने सही कहा।
- औरत एक: हमें आराम से बैठे देखकर जलन होती है। (गुस्से में)
- औरत दो: ये लोग (सिर हिलाकर) ये लोग एक कलसिया भरै पानी भरकर नहीं आते।
- औरत एक: (गुस्से में) ये लोग हमें नौकर समझकर रखे हैं दीदी।
- औरत दो: तुमने सही बताया। (पानी भरती है।)
सूचना: ‘आई एम कलाम के बहाने’ पाठ का अंश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
उसे पता था कि छाछ मेरी कमजोरी है। लेकिन मुझे मोरपाल से मिलने से पहले कतई अंदाज़ा नहीं था कि मेरे लिए राजमा जैसी सामान्य-सी चीज़ किसी के लिए इतनी खास हो सकती है।
प्रश्न 13.
मोरपाल खाने के लिए क्या लाता था? (1)
उत्तर:
छाछ लाता था।
प्रश्न 14.
लेखक की उस दिन की डायरी कल्पना करके लिखें। (4)
उत्तर:
दिन, दिनांक
आज शनिवार का दिन था। एकदम अच्छा दिन। दोपहर के समय हम सब मिलकर खूब खेले थे। शाम को भी। आज भी मुझे दोपहर के समय भोजन के रूप में छाछ मिला था। मोरपाल को पता ही था कि छाछ मेरी कमजोरी है। हर रोज़ की तरह मेरा राजमा खाकर मोरपाल भी खुश हो गया था। वह कितनी चाव से राजमा खाता है। वह एकदम गरीब लड़का है। शायद वह भोजन के लिए ही हर रोज़ स्कूल आता है। राजमा जैसी सामान्य चीज़ मोरपाल के लिए खास है। बैस……. आज इतना ही। बहुत नींद आ रही है। गृहकार्य करना है। सुबह उठकर करूँगा। शुभरात्री।
सूचना: ‘बीरबहूटी’ कहानी का अंश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
बच्चे उनसे काँपते थे और खेल घंटी बंद होने से दो मिनट पहले ही अपनी-अपनी जगहों पर आकर बैठ जाते थे।
प्रश्न 15.
बच्चे किनसे काँपते थे? (1)
उत्तर:
सुरेंदर माटसाब से।
प्रश्न 16.
सही मिलान करें। (4)
उत्तर:
- सुरेंदर माटसाब – गाणित का माटसाब
- फुलेरा जंक्शन – जयपुर के पास का जगह।
- साहिल का हॉस्टल।
- बेला
- राजकीय कन्या पाठशाला।
प्रश्न 17.
‘बच्चे’ के बदले ‘बच्चा’ का प्रयोग करके वाक्य का पुनर्लेखन करें। (1)
बच्चे उनसे कौंपते थे।
उत्तर:
बच्चा उनसे कॉपता था।
प्रश्न 18:
‘डरना’ का समानार्थी शब्द चुनें। (1)
उत्तर:
काँपना
सूचना: वाक्य पिरमिड का पूर्ति करें।
प्रश्न 19.
(4)
उत्तर:
- वह मुसीबत में है।
- वह व्यक्ति मुसीबत में है।