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Kerala State Syllabus 10th Standard Hindi Solutions Unit 3 Chapter 2 ठाकुर का कुआँ (कहानी)
ठाकुर का कुआँ Text Book Questions and Answers
ठाकुर का कुआँ विश्लेषणात्मक प्रश्न
Thakur Ka Kuan Questions And Answers 10th प्रश्ना 1.
‘ठाकुर के कुएँ पर कौन चढ़ने देगा?’ -गंगी क्यों इस प्रकार सोचती है?
उत्तर:
यहाँ जाति-पाँति की ओर संकेत है। जाति-पाँति एक विकट समस्या है। जाति-पाँति के कारण कुछ लोगों को अछूत समझे जाते हैं। ठाकुर ऊँची जाति के हैं। निम्न जाति के लोगों को उनके कुएँ से पानी भरने की अनुमति नहीं थी। जाति के कारण उत्पन्न गंगी की विवशता यहाँ स्पष्ट होती है।
ठाकुर का कुआँ Notes Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 2.
‘मैदानी बहादुरी का तो अब न ज़माना रहा है न मौका। कानूनी बहादुरी की बातें हो रही हैं।’ -इसका मतलब है?
उत्तर:
पहले शारीरिक शक्ति के बल पर समाज के ऊँचे लोग अपना कार्य किया करते थे। लेकिन अब वे सिफारिश के बल पर कानून को अपने अनुकूल बना लेते हैं। कानूनमुकदमे के ज़रिए गरीबों को परास्त करते हैं। यही इस कथन का मतलब है।
Thakur Ka Kuan Summary In Hindi Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 3.
‘गंगी दबे पाँव कुएँ की जगत पर चढ़ी, विजय का ऐसा अनुभव उसे पहले न हुआ था।’ – गंगी को ऐसा अनुभव क्यों हुआ होगा?
उत्तर:
गंगी का मन सामाजिक रीति-रिवाज़ों के विरुद्ध संघर्ष करनेवाला है। चुपके से सही, वह उच्च वर्ग के लोगों को परास्त करना चाहती है। शुद्ध पानी की ज़रूरत अब उसकी विवशता है। अब सारी बाधाओं को तोड़कर वह पानी भरने जा रही है। उसके विचार में यह उच्च वर्ग के लोगों के ऊपर उसका विजय है।
Takur Ka Kuam Summary In Hindi Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 4.
‘शेर का मुँह इससे भयानक न होगा’ -यहाँ ठाकुर के दरवाज़े की तुलना शेर के मुँह से क्यों की गई है?
उत्तर:
शेर एक खूखार जानवर है। इसके मुँह के सामने पड़नेवालों को बचने की उम्मीद नहीं। इसी प्रकार ठाकुर का घर भी गंगी जैसे लोगों के लिए डरावना जगह है। ठाकुर के सामने पड़ने पर बचना मुश्किल है। इसलिए ऐसी तुलना की गई है।
ठाकुर का कुआँ Text Book Activities & Answers
ठाकुर का कुआँ अभ्यास के प्रश्न
ठाकुर का कुआँ कहानी का सारांश Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 5.
ये प्रसंग देखें
i. गंगी क्या जवाब देती, किंतु वह बदबूदार पानी पीने को न दिया।
ii. उसने घटा और रस्सी उठा ली और झुककर चलती हुई एक वृक्ष के अंधेरे छाए में जा खड़ी हुई।
iii. ठाकुर ‘कौन है, कौन है?’ पुकारते हुए कुएँ की तरफ़ आ रहे थे और गंगी जगत से कूदकर भागी जा रही थी।’
iv. इन व्यवहारों से गंगी के कौन-कौन से मनोभाव प्रकट होते हैं?
उत्तर:
व्यवहार | व्यवहार |
1. गंगी क्या जवाब देती, किंतु वह बदबूदारपानी पीने को न दिया। | 1. विवशता में भी पति के स्वास्थ्य को सहीरखने का मनोभाव। |
2. उसने घटा और रस्सी उठा ली और झुककर चलती हुई एक वृक्ष के अंधेरे छाए में जा खड़ी हुई। | 2. सामाजिक पाबंदियों को तोडकर पति की ज़रूरत को निभाने का मनोभाव। |
3. ठाकुर ‘कौन है, कौन है?’ पुकारते हुए कुएँ की तरफ़ आ रहे थे और गंगी जगत से कूदकर भागी जा रही थी।’ | 3. मन में सामाजिक कुरीतियों के प्रति विद्रोह होने पर भी परिस्थितियों में असहाय होने की भावना। |
ठाकुर का कुआँ Summary In Malayalam Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 6.
गंगी के ये विचार पढ़ें।
i. ठाकुर के कुएँ पर कौन चढ़ने देगा? दूर से लोग डॉट बताएँगे।
ii. हम क्यों नीच है और ये लोग क्यों ऊँच है? इसलिए कि ये गले में ताग डाल देते हैं। यहाँ तो जितने हैं एक-से-एक छंटे हैं।
iii. इन विचारों में गंगी के कौन-कौन से दृष्टिकोण प्रकट होते हैं?
उत्तर:
विचार | दृष्टिकोण |
1. ठाकुर के कुएँ पर कौन चढ़ने देगा? दूर से लोग डाँट बताएँगे। | 1. सामाजिक पाबंदियों के विरुद्ध विद्रोह एवं अपनी विवशता। |
2. कितनी होशियारी से ठाकुर ने थानेदार को एक खास मुकदमे में रिश्वत दी और साफ निकल आए। कितनी अक्लमंदी से एक मार्के की मुकदमे की नकल ले आए। | 2. यह दृष्टिकोण कि कानूनी व्यवस्था उच्च कहे जानेवाले लोगों के अनुकूल काम करती हैं। |
3. हम क्यों नीच है और ये लोग क्यों ऊँच है? इसलिए कि ये गले में ताग डाल देते | यहाँ तो जितने हैं एक-से-एक छंटे हैं। | 3. उँच-नीच की भावनाओं को तोड़कर एक मन से काम करने से ही सामाजिक उन्नति संभव है। |
ठाकुर का कुआँ विधात्मक प्रश्न
Takoor Ka Kua Notes Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 1.
गंगी के चरित्र पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
गंगी : रिवाज़ी पाबंदियों पर विद्रोह की आवाज़
गंगी प्रेमचंद की की विख्यात कहानी ‘ठाकुर का कुआँ’ की पात्र है। वह एक साधारण गृहिणी है। गरीब परिवार की सदस्या है। जाति से निम्न वर्ग की है। वह कई प्रकार की सामाजिक कुरीतियों की शिकार है। पति बीमार है। वह पानी के लिए तरसता है। लेकिन पीने के लिए केवल बदबूदार पानी है। यह पानी पिलाने को गंगी तैयार नहीं है। वह सारी पाबंदियों को तोड़कर, ठाकुर के कुएँ से पानी भर लाने का साहस करती है। रात के अंधेरे में वह पानी लेने जाती है। उसकी चिंताएँ उसके मन के विद्रोह को व्यक्त करी हैं। अंत में वह कुएँ के जगत तक आ जाती है। उस समय उसका मन एक विजेता जैसा अनुभव करता है। लेकिन
परिस्थितियाँ उलटती हैं, ठाकुर जग जाते हैं और गंगी को विवश भागना पड़ता है। गंगी एक ही समय परिस्थितियों से विवश औरत, विद्रोह मन रखनेवाली नारी एवं षांत के प्रति प्यार रखनेवाली गृहिणी आदि का प्रतिनिधित्व करती है।
ठाकुर का कुआँ का सारांश Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 2.
‘जाति प्रथा एक अभिशाप है’ – विषय पर आलेख तैयार करें और संगोष्ठी चलाएँ।
उत्तर:
जाति प्रथा : एक सामाजिक अभिशाप
जाति प्रथा समाज की एक विकट समस्या है। इसके कारण समाज में असमानता,एकाधिकार, विद्वेष आदि दोष उत्पन्न हो जाते हैं। जाति प्रथा की सबसे बड़ा दोष छुआछूत की भावना है। इसके कारण संकीर्णता की भावना का प्रसार होता है और सामाजिक राष्ट्रीय एकता में बाधा आती है।
जाति के नाम पर निम्न वर्ग के लोगों को कई प्रकार की यातनाएँ सहनी पड़ती हैं। उन्हें अपनी जिंदगी स्वतंत्र रूप से जीने में बाधा होती है। आम जगहों को इस्तेमाल करने से उनके लिए पाबंदी है। निम्न वर्ग के लोगों से छुआ पानी पीना, उनका बना भोजन खाना, रास्ते में दूसरों के सामने पड़ना आदि बातों को बुरा समझा जाता है।
कई लोगों ने जाति प्रथा को समाप्त करने की बात की। भारत संविधान में जाति के आधार पर अवसर में भेदभाव करने पर रोक भी लगाई है। पिछली कई सदियों से पिछड़ी रही कई जातियों के उत्थान के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई। निम्न वर्ग के लोगों को इससे कई फायदा हुए। लेकिन जहाँ जाति व्यवस्था कायम है वहाँ नीच जाति वालों को एक तरह से आरक्षण के नाम पर उनकी नीचता की याद दिलाई जा रही है। असल में आरक्षण जहाँ पिछड़ी जातियों को अवसर दे रहा है, वहीं वे उन्हें ये एहसास भी याद करवाता है कि वे उपेक्षित हैं।
कानूनी रोकथाम, शिक्षा में हुई उन्नति आदि के कारण इस कट्टरपन में थोड़ी सी कमी ज़रूर आई। लेकिन जाति प्रथा नए रूपों में वर्तमान है। विश्वविद्यालयों, शासक वर्गों, राजनीतिज्ञों आदि के बीच आज भी यह नए-नए रूप धरकर मौजूद है। अगर हम इसे सफल रूप से रोक न पाएँ तो हमारी सामाजिक उन्नति संभव नहीं होगी।
ठाकुर का कुआँ Orakkum Questions and Answers
गतिविधि -1
सुचनाः कहानी का यह अंश पढ़े और अनुबद्ध प्रश्नों के उत्तर लिखें।
गंगी ने क्षणिक सुख को साँस ली। किसी तरह मैदान तो साफ हुआ। अमृत चुरा लाने के लिए जो राजकुमार किसी ज़माने में गया था, वह भी शायद इतनी सावधानी के साथ और समझ-बूझकर न गया हो। गंगी दबे पाँव कुएँ की जगत पर चढ़ी, विजय का ऐसा अनुभव उसे पहले न हुआ था।
प्रेमचंद की कहानी ठाकुर का कुआँ का सारांश Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 1.
यहाँ गंगी का मानसिक विजय किसके ऊपर है?
उत्तर:
जाति – प्रथा
Thakur Ka Kuan Short Summary In Hindi Pdf 10th प्रश्ना 2.
‘जाति प्रथा एक अभिशाप हैं – विषय पर संगोष्ठी होनेवाला हैं। इस केलिए एक पोस्टर तैयार करें।
उत्तर:
ठाकुर का कुआँ SCERT Questions and Answers
गतिविधि -1
सूचना : ‘ठाकूर का कुआँ’ कहानी का यह अंश पढें और अनुबद्ध प्रश्नों के उत्तर लिखें।
उसने रस्सी का फंदा घडे में डाला। दाएँ-बाएँ चौकन्निदृष्टि से देखा जैसे कोई सिपाही रात को शत्र के किले में सुराख कर रहा हो। अगर इस समय वह पकड़ ली गई, तो फिर
उसके लिए माफी या रियायत की रात्री भर उम्मीद नहीं।
Thakur Ka Kuan Summary In Malayalam 10th प्रश्ना 1.
गंगी की सावधानी को प्रकट करनेवाले वाक्य चुनकर लिखें।
उत्तर:
दाँए-बाएँ चौकन्नि दृष्टि से देखा जैसे कोई सिपाही रात को शत्रु के किले में सुराख कर रहा हो।
ठाकुर का कुआँ Summary In Hindi Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 2.
गंगी के चरित्र पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
गंगी
गंगी प्रेमचंद की कहानी ‘ठाकूर का कुआँ’ का प्रमुख पात्र हैं। वह जाति – प्रथा से त्रस्त समाज की प्रतिनिधि हैं। कहानी के आंरभ में वह पति को पीने का पानी देती हैं। लेकिन पानी पीने का योग्य नहीं था, उस में सख् बदबू थी। दूर के कुएँ से वह रोज़ शाम को पानी भर लाती थी। कल वह पानी लाई थी तो उस में बदबुन थी। पति जोखू बीमार था वह प्यास रोक न सकने पर खराब पानी पीने को तैयार हो गया। लेकिन गंगी न पानी देती। वह जानती थी कि खराब पानी पीने से पति का बीमार पढ़ जाएगा। जाति-प्रथा ज़ोरों में था। निम्न जाति होने के कारण ठाकुर या साहूकार के कुएँ से वह पानी न भर सकती। जाति प्रथा के बारे में सोचते समय हम गंगी में एक विद्रोही का मन देखते हैं। उसकी शंका यह थी कि वह क्यों नीच हैं? और ये लोग क्यों ऊँचे हैं? कहते है जाति से ऊँच पर निम्न बातें करते हैं। ऐसे सोचकर बडी सावधानी से कुएँ की और चली। देवताओं को याद करके उसने घड़ा कुएँ में डाला। घड़े को पकड़कर जगत पर रखने वह झुकी कि एकाएक ठाकुर का दरवाज़ा खुल गया। गंगी का धैर्य टूट गया और उसके हाथ से रस्सी टूट गयी। रस्सी के साथ घडा पानी में गिर गया। कौन है कौन है पुकारते ठाकुर कुएँ की ओर आने लगे। इसी समय गंगी जगत से कूदकर भागी। इस प्रकार पति के स्वास्थ्य के बारे में सोचनेवाली धीर और जाति-प्रथा को घृणा करनेवानी नारी है – गंगी।
गतिविधि – 2
सूचना : ‘ठाकुर का कुआँ’ कहानी का यह अंश पढ़े और अनुबद्ध प्रश्नों के उत्तर लिखें।
बोली – “यह पानी कैसे पिओगे? न जाने कौन जानवर मरा हैं। कुएँ से मैं दूसरा पानी लाए देती हूँ।”
जोखू ने आश्चर्य से उसकी ओर देखा – “पानी कहाँ से लाएगी?”
“ठाकुर और साहू के दो कुएँ तो हैं। क्या एक लोटा पानी न भरने देंगे?”
“हाथ-पाँव तुड़वा आएगी और कुछ न होगा।”
Thakur Ka Kuan Kahani Ka Saransh Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 1.
‘गंगी’ के बदले ‘जोखू’ का प्रयोग करके वाक्य बदलकर लिखें।
गंगी पानी लाएगी।
उत्तर:
जोखू पानी लाएगा।
Thakur Ka Kuan Summary Kerala Syllabus 10th प्रश्ना 2.
‘हाथ-पाँव तुड़वा आएगी और कुछ न होगा।’ इस कथन पर आपका विचार क्या हैं?
उत्तर:
जाति प्रथा एक अभिशाप हैं। ऊँच जाति निम्न जाति से कई प्रकार के क्रूर व्यवहार करते हैं। निम्न जाति ऊँच जाति के कुएँ से पानी लेना मना हैं।
Thakur Ka Kuan In Malayalam 10th प्रश्ना 3.
कहानी के अंश के आधार पर पटकथा का एक दृश्य लिखें।
उत्तर:
गतिविधि – 3
सूचना : ‘ठाकुर का कुआँ’ कहानी का यह अंश पढ़े और अनुबद्ध प्रश्नों के उत्तर लिखें।
गंगी के हाथ से रस्सी छूट गई। रस्सी के साथ घडा धड़ाम से पानी में गिरा और कई क्षण तक पानी में हिलकोरें की आवाजें सुनाई देती रही। ठाकुर ‘कौन है, कौन है?’ पुकारते हुए कुएँ की तरफ आ रहे थे और गंगी जगत से कूदकर भागी जा रही थी। घर पहुँचकर देखा कि जोखू लोटा मुँह से लगाए वही मैला – गंदा पानी पी रहा है।
Takur Ka Kuam Malayalam 10th प्रश्ना 1.
मान लें, भागी आई गंगी ने देखा कि जोखू लोटे का गंदा पानी पी रहा हैं। इस प्रसंग पर दोनों के बीच का संभावित वार्तालप लिखें।
उत्तर:
गंगी : अरे यह आप क्या कर रहे हैं?
जोखू : आ गयी! घडे भर पानी मिला?
गंगी : नहीं
जोखू : मैं ने पहले ही बताया है न? मुझे मालूम था कि नहीं मिलेगा।
गंगी : कुएँ के पास कोई नहीं था। इसलिए सीधे वहाँ पहुँची। पर
जोखू : क्या हुआ?
गंगी : दो लौडियाँ पानी भरने आई। उनके चले जाने तक वृक्ष की छाया में जा खडी हुई।
जोखू : उन्होने तुझे देखा क्या?
गंगी : वे चले जाने के बाद कुएँ के जगह मैं पहूँची। ठाकुर दरवाज़ा बंद करने के बाद पानी भरा और घड़े को पकड़कर जगत पर रखा। तब ठाकुर का दरवाज़ा खुल गया।
जोख : त ने क्या किया?
गंगी : भय से हाथ से रस्सी छूट गयी। रस्सी के साथ घडा धड़ाम से पानी में गिरा। पानी में हिलकोरे की आवाज़ सुनकर ठाकुर कौन है – कौन है पुकारते आये।”
जोखू : फिर!
गंगी : तब मैं जगत से कूदकर भागी।
जोखू : हमें शुद्ध पानी पीने का अवकाश नहीं।
प्रश्ना 2.
‘गंगी जगत से कूदकर भागी जा रही थी।’ – इस में भागी जा रही थी’ क्रिया का सीधा संबंध वाक्य के किस शब्द से है? (जगत, गंगी, कूदकर)
उत्तर:
गंगी।
प्रश्ना 3.
‘गिरा’ क्रिया के स्थान पर कोष्ठक के किस रूप रखकर सही वाक्य बना सकता हैं?
उत्तर:
घड़ा धड़ाम से पानी में गिरा। उः घड़ा धड़ाम से पानी में गिरेगा।
गतिविधि – 4
प्रश्ना 1.
संबंध पहचानें, सही मिलान करें।
उसने गला मज़बूत किया । | कि हम ऊँचे हैं, हम ऊँचे। |
गली-गली चिल्लाते नहीं | तो उसमें बू बिलकुल न थी। |
किसीके लिए रोक नहीं | | और घड़ा कएँ में डाल दिया। |
कल वह पानी लाई। | सिर्फ यह बदनसीब नहीं भर सकते। |
उत्तर:
उसने गला मज़बूत किया । | और घड़ा कुएँ में डाल दिया। |
गली-गली चिल्लाते नहीं | कि हम ऊँचे हैं, हम ऊँचे। |
किसीके लिए रोक नहीं | | सिर्फ यह बदनसीब नहीं भर सकते। |
कल वह पानी लाई। | तो उसमें बू बिलकुल न थी।। |
प्रश्ना 2.
संबंध पहचानें, सही मिलान करें।
स्त्री | “यह पानी कैसे पिओगे?” |
गंगी। | ‘कौन है, कौन है?” |
ठाकुर | “पानी कहाँ से लाएगी?” |
जोखू । | “मत लजाओ दीदी।” |
उत्तर:
स्त्री | “मत लजाओ दीदी।” |
गंगी। | “यह पानी कैसे पिओगे? |
ठाकुर | “कौन है, कौन है?” |
जोखू । | “पानी कहाँ से लाएगी”? |
ठाकुर का कुआँ Additional Questions and Answers
ठाकुर का कुआँ आशयग्रहण के प्रश्न
प्रश्ना 1.
‘कुआँ दूर था। बार-बार जाना मुश्किल था।’ यहाँ गंगी की कौन-सी विवशता प्रकट होती है?
उत्तर:
यहाँ गंगी की गरीबी का चित्र उभर आता है। गरीबी के कारण उन्हें अपना कुआँ नहीं है। गाँव के अन्य दो ही कुओं से पानी लेना पड़ता है। वे कुएँ घर से बहुत दूर भी थे।
प्रश्ना 2.
‘खराब पानी से बीमारी बढ़ जाएगी, इतना जानती थी। परंतु यह न जानती थी कि पानी को उबाल लेने से उसकी खराबी जाती रहती है।’ -इससे कौन-सी सामाजिक वास्तविकता प्रकट होती है?
उत्तर:
यहाँ गंगी की अशिक्षा का संकेत है। निम्न और गरीब लोग शिक्षा से भी वंचित रह जाते हैं। इसलिए उनमें अनजानी, अंधविश्वास आदि भी देखे जाते हैं। यह सामाजिक वास्तविकता यहाँ प्रकट होती है।
प्रश्ना 3.
‘ब्राह्मण देवता आशीर्वाद देंगे, ठाकूर लाठी मारेंगे, साहूजी एक के पाँच लेंगे। गरीबों का दर्द कौन समझता है?’ -जोखू के इस कथन का मतलब क्या है?
उत्तर:
समाज में गरीब लोग सभी प्रकार के शोषण के शिकार है। चाहे ब्राह्मण हो, ठाकुर हो, साहुकार हो सब गरीबों को लुटा रहे हैं। गरीबों के दुख-दर्द को समझनेवाले कोई नहीं है। कोई सहायता देनेवाले भी नहीं हैं। ये सारी बातें जोखू के कथन से स्पष्ट होती हैं।
प्रश्ना 4.
‘गंगी का विद्रोही दिल रिवाज़ी पाबंदियों और मज़बूरियों पर चोटें करने लगा।’ -यहाँ प्रस्तुत रिवाज़ी पाबंदी और मज़बूरी क्या-क्या हैं?
उत्तर:
जाति के नाम पर समाज में बड़ा अलगाव था। निम्न कहे जानेवाले लोगों से छुआ पानी पीना, भोजन खाना, कुएँ से पानी भरना, रास्ते में उनसे मिलना आदि बातों में पाबंदी थी। निम्न वर्ग के लोग ये सब सहकर जीने को विवश थे। उच्च वर्ग के लोगों के हितानुसार अपनी ज़िंदगी की प्राथमिकताओं को तय करने के लिए भी वे विवश थे।
प्रश्ना 5.
उत्तर:
ये लोग ऊँचे क्यों हैं? चोरी ये करते हैं, जाल-फ़रेब ये करें, जूठे मुकदमे ये करें। साहुजी मिलावाट के सामान बेचते हैं। बारहों मास जुआ ये खेलते हैं। काम पर मजूरी नहीं देते हैं। गरीब नारियों को रस भरी आँखों से देखते हैं।
प्रश्ना 6.
‘हम लोगों को आराम से बैठे देखकर जैसे मरदों को जलन होती है।’ -यहाँ किस सामाजिक स्थिति की ओर संकेत है?
उत्तर:
यह एक अलिखित कानून है कि औरतें घरेलू काम के लिए हैं। खाना बनाना, बर्तन मांजना, पानी भरना, कपड़ा धोना, बच्चों को पालना आदि बातों में उनकी जिंदगी फँसी रहती हैं। अगर कभी इसमें कोई चूक होती है तो पिटने तक नौबत आती है। मर्द चाहे आराम करें, लेकिन औरतों को आराम करने का हक नहीं है। यह विकट स्थिति यहाँ व्यक्त होती है।
ठाकुर का कुआँ Summary in Malayalam and Translation
ठाकुर का कुआँ शब्दार्थ