Students can Download Kerala SSLC Hindi Model Question Paper 2 Pdf, Kerala SSLC Hindi Model Question Papers helps you to revise the complete Kerala State Board New Syllabus and score more marks in your examinations.
Kerala SSLC Hindi Model Question Paper 2
सामान्य निर्देश:
- पहला पंद्रह मिनट कूल ऑफ़ टाईम है।
- इस समय प्रश्नों का वाचन करें और उत्तर लिखने की तैयारी करें।
Time: 2½ Hours
Total Score: 80 Marks
सूचना: ‘गुठली तो पराई है’ कहानी का अंश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
गुठली बोली, “अपना घर? यही तो है मेरा घर, जहाँ मैं पैदा हुई।” बुआ हँसके बोली, “अरी बेवकूफ यह घर तो पराया है।”
प्रश्न 1.
बुआ के अनुसार लड़कियों का असली घर कौन-सा है? (1)
(अपना घर, मामाजी का घर, ससुराल)
उत्तर:
ससुराल
प्रश्न 2.
‘मेरा’ में प्रयुक्त सर्वनाम कौन-सा है? (1)
उत्तर:
मैं
प्रश्न 3.
बुआ और गुठली के बीच का वार्तालाप कल्पना करके लिखें।
अथवा
प्रस्तुत अंश के आधार पर पटकथा का दृश्य लिखें। (4)
उत्तर:
- गुठली : बुआ, क्या है? अपना घर?
- बुआ: हाँ…… अपना घर।
- गुठली: यही तो है मेरा घर। यहाँ ही मैं पैदा हुई।
- बुआ: अरी बेवकूफ़……
- गुठली: मैं बेवकूफ़?
- बुआ: हाँ बैवकूफ़ हो। यह घर तो पराया है।
- गुठली: तो मेरा घर कहाँ है?
- बुआ: अरी गुठलिया ससुराल ही तेरा घर है।
- गुठली: मैं नहीं मानूंगी।
- बुआ: तुम भी बड़े होकर अपने घर चली जाओगी।
पटकथा
- सीन संख्या: 4
- स्थान: गुठली का घर
- समय: शाम को चार बजे
- पात्र: बुआ: 60 साल, गुठलीः 14 साल
- वेशभूषा: बुआ सफ़ेद साड़ी-ब्लाउज़ पहनी है।
- गुठली: सलवार कमीज़ पहनी है।
संवाद
- गुठली: (आश्चर्य से) बुआ, यह क्या है? अपना घर?
- बुआ: (हँसते हुए) हाँ, अपना घर।
- गुठली: (परेशान होकर) यही तो है मेरा घर।
- बुआ: (मज़ाक करते हुए) अरी बेवकूफ
- गुठली: (गुस्से में) बेवकूफ…….?
- बुआ: तुम बेवकूफ हो। यह घर तो पराया है।
- गुठली: (आश्चर्य से) तब मेरा घर कहाँ है?
- बुआ: (हसते हुए) ससुराल ही तेरा घर है।
- गुठली: (ठुनकते हुए) मैं नहीं मानेंगी। (चली जाती है)
सूचनाः ‘अकाल और उसके बाद’ कवितांश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
कई दिनों तक चुल्हा रोया, चक्की रही उदास कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास कई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गश्त कई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त।
प्रश्न 4.
कानी कुतिया किसके पास सोई पड़ी थी? (1)
उत्तर:
चक्की और चूल्हे के पास।
प्रश्न 5.
‘चूल्हे का रोना’ और ‘चक्की का उदास होना’ इसका मतलब क्या है? (2)
उत्तर:
‘चूल्हे का रोना’ का मतलब है चूल्हा नहीं जलाया गया और ‘चक्की का उदास होना’ का मतलह है चक्की में कुछ न पीसा गया।
प्रश्न 6.
कवितांश पर टिप्पणी लिखें। (4)
उत्तर:
अकाल रूपी काल
अकाल रूपी काल
हिंदी के प्रगतिशील विचारधार के कवि श्री नागार्जुन की कविता है “अकाल और उसके बाद। इस कवितांश में कवि बिहार में हुए भीषण अकाल का वर्णन किया है। इन पंक्तियों में कवि अकाल की स्थिति का वर्णन किया है। कवि कहते हैं कि कई दिनों से घर में चूल्हा नहीं जलाया गया है और चक्की में कुछ भी न पीसा गया है। कानी कुत्तिया चक्की और चूल्हे के पास सोई पड़ी है। वह कुछ मिलने की उम्मीद में सोई हुई है।
छिपकलियाँ भी दीवारों पर घूम रही है। घर में कुछ भी खाने को नहीं है। इसलिए चूहे की हालत भी खराब हो गई है। कवि के अनुसार अकाल का असर केवल मनुष्यों पर ही नहीं अन्य प्राणियों पर भी पड़ता है। कवितांश की हर पंक्तियों में कई दिनों तक’ का प्रयोग बार-बार किया है। यह अकाल की तीक्ष्णता को दिखाने के लिए बताया गया है। यहाँ अकाल का मार्मिक वर्णन है।
सूचनाः ‘आई आम कलाम के बहाने’ पाठ का अंश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
वही मोरपाल जिसकी मेरे खाने के डिब्बे में राजमा देखते ही बाँछे खिल जाती थीं। हमारा सौदा था खेल घंटी में खाने की अदला-बदली का।
प्रश्न 7.
‘बाँछे खिल जाना’ से क्या मतलब है? (1)
(प्रसन्न होना, दुखी होना, निराश होना)
उत्तर:
प्रसन्न होना
प्रश्न 8.
मोरपाल और मिहिर खाने में क्या-क्या लाते थे? (2)
उत्तर:
मोरपाल छाछ ले आता था और मिहिर राजमा ले आता था।
प्रश्न 9.
प्रस्तुत प्रसंग के आधार पर मिहिर की डायरी कल्पना करके लिखें। (4)
उत्तर:
दिन, दिनांक
आज स्कूल का दूसरा दिन….. मेरे पास की दरीपट्टी में बैठनेवाला मोरपाल। वह किसी सुदूर के गाँव से स्कूल आता था। आज वह दोपहर के समय मेरे खाने के डिब्बे में राजमा देखकर एकदम प्रसन्न हो गया था। उसने कहा कि वह पहली बार राजमा देखा था। वह एक गरीब परिवार का था। वह एक डिब्बे भर छाछ ले आया था। वह देखकर मैं भी एकदम खुश हो गया। हम दोनों खाना अदला-बदली करके खा लिया।
मोरपाल राजमा बड़े चाव से खाने लगा था। वह राजमा देखकर एकदम खुश हो गया था। बेचारा मोरपाल। कल भी हम दोनों खाना अदला-बदली करके ही खाएँगे! बस……. आज इतना ही। बहुत नींद आ रही है। थोड़ा गृहकार्य करना बाकी रह गया है। वह सुबह उठकर करूँगा। शुभरात्री।
सूचनाः ‘हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था’ पाठ का यह अंश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
सड़क पर घायल पड़े अपरिचित व्यक्ति को देखकर क्या हम कह सकते हैं कि उसे हम नहीं जानते? वास्तव में हम जातने हैं कि वह व्यक्ति मुसीबत में है और उसे हमारी मदद की जरूरत है।
प्रश्न 10.
‘हम’ के बदले ‘मैं’ का प्रयोग करके वाक्य का पुनर्लेखन करें।
हम जानते हैं कि वह व्यक्ति मुसीबत में है। (1)
उत्तर:
मैं जानता हूँ कि वह व्यक्ति मुसीबत में है।
प्रश्न 11.
अंश के आधार पर जानना’ से क्या तात्पर्य है? (2)
उत्तर:
‘जानना’ से मतलब है किसी निराश व्यक्ति की निराशा, हताशा, आवश्यकता को पहचानना है। यह जानने की जरूरत नहीं है कि वह किस जाति, धर्म, ओहदे, के हैं। निराश पड़े व्यक्ति की सहायता करना ही उसकी आवश्यकता है।
सूचना: ‘दिशाहीन दिशा’ यात्रावृत्त का अंश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
भोपाल स्टेशन पर मेरा मित्र अविनाश जो वहाँ से निकलनेवाले एक हिंदी दैनिक का संपादन करता था, मुझसे मिलने के लिए आया था।
प्रश्न 12.
माँझी का नाम क्या था? (1)
उत्तर:
अब्दुल जब्बार
प्रश्न 13.
मोहन राकेश की बड़ी इच्छा क्या थी? (1)
उत्तर:
मोहन राकेश की बड़ी इच्छी थी कि दक्षिणी समुद्री तट की सैर करके आना।
प्रश्न 14.
प्रस्तुत प्रसंग के आधार पर लेखक के मित्र के नाम पत्र कल्पना करके लिखें। (4)
उत्तर:
स्थान,
तारीख
प्रिय मित्र राहुल,
नमस्ते।
तुम कैसे हो? वहीं क्या हाल है? सब लोग सकुशल है न? एक खास बात बताने के लिए मैं यह पत्र लिख रहा हूँ। मैं गोआ की सैर के लिए निकला था। रास्ते में भोपाल स्टेशन पहुंचा। मैं अपने मित्र अविनाश को पहले ही बताया था कि सैर के लिए निकल रहा है। वह स्टेशन पर मेरी प्रतीक्षा कर रहा था। वह गाड़ी रुकते ही अंदर आकर पूरे सामान बाहर फेंक दिया और मुझसे वहाँ उतर जाने को कहा। मुझे और कोई चारा नहीं था। मैं उसके पीछे चलने लगा। अच्छा आदमी है वह। खाना खाकर हम भोपाल ताल घुमने गए। वह भी आधी रात के समय। बहुत मज़ा आया। बस….. अब इतना ही। बाकी अगले पत्र में। घर में सब को मेरा प्रणाम। पत्र की प्रतीक्षा में
तुम्हारा मित्र,
मोहन राकेश
(हस्ताक्षर)
सूचनाः पोस्टर तैयार करें।
प्रश्न 15.
‘बालश्रम कानूनन अपराध है। (3)
उत्तर:
सूचना: ‘बीरबहूटी’ कहानी का अंश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
क्लास में दोनों पास-पास बैठते थे। कॉपी में काम करते तो दोनों कॉपी में काम करते थे। किताब पढ़ते तो किताब पढ़ते। बल्कि पाठ भी एक ही पढ़ते ।
प्रश्न 16.
यहाँ दोनों कौन-कौन हैं? वे कौन-सी कक्षा में पढ़ते थे? (2)
उत्तर:
बेला और साहिल। दोनों पाँचवीं कक्षा में पढ़ते हैं।
प्रश्न 17.
बेला और साहिल की दोस्ती पर टिप्पणी लिखें। (4)
उत्तर:
दोस्ती अनमोल संपत्ति है
बेला और साहिल प्रभात की कहानी ‘बीरबहूटी’ का मुख्य पात्र है। ये दोनों पाँचवीं कक्षा में पढ़ते हैं। एक साथ स्कूल आते-जाते हैं। एक ही बेंच पर पास-पास बैठते हैं। एक साथ लिखते हैं, पढ़ते हैं। एक साथ पानी पीने चले जाते हैं। वे पास पास रहते हैं। दोनों में बड़ी दोस्ती है। एक का दुःख दूसरे का भी है। बेला छत से गिरने पर जो चोट लगी है वह देखकर साहिल परेशान होता है। सुरेंदर माटसाब बेला के बालों में पंजा फंसाने पर भी। साहिल की पिंडली में कील लग जाने पर बेला बहुत दुखी हो जाती है। अगले साल दोनों अलग-अलग जगह पढ़ने जा रहे हैं। यह सोचकर दोनों बहुत चिंतित हो जाते हैं। दोनों की दोस्ती अनुपम है।