Students can Download Kerala SSLC Hindi Model Question Paper 3 Pdf, Kerala SSLC Hindi Model Question Papers helps you to revise the complete Kerala State Board New Syllabus and score more marks in your examinations.
Kerala SSLC Hindi Model Question Paper 3
सामान्य निर्देश:
- पहला पंद्रह मिनट कूल ऑफ़ टाईम है।
- इस समय प्रश्नों का वाचन करें और उत्तर लिखने की तैयारी करें।
Time: 2½ Hours
Total Score: 80 Marks
सूचनाः ‘आई आम कलाम के बहाने’ पाठ का अंश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
वही मोरपाल जिसकी मेरे खाने के डिब्बे में राजमा देखते ही बॉछे खिल जाती थीं। हमारा सौदा था खेल घंटी में खाने की अदला-बदली का।
प्रश्न 1.
‘हमारा’ में प्रयुक्त सर्वनाम कौन-सा है? (1)
(तुम, हम, मैं)
उत्तर:
हम
प्रश्न 2.
‘बाँछे खिल जाना’ से क्या मतलब है? (1)
उत्तर:
प्रसन्न होना
प्रश्न 3.
मोरपाल और मिहिर के बीच का वार्तालाप कल्पना करके लिखें। (4)
उत्तर:
- मोरपाल: अरे मिहिर, इधर आओ।
- मिहिर: क्या बात है?
- मोरपाल: आज तुम राजमा लाए हो?
- मिहिर: हाँ। और तुम?
- मोरपाल: यह लो तेरी कमज़ोरी।
- मिहिर: छाछ!..
- मोरपाल: हाँ, लो यह डिब्बा।
- मिहिर: वाह भई वाह! बहुत शुक्रिया।
सूचनाः ‘अकाल और उसके बाद’ कवितांश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
दाने आए घर के अंदर कई दिनों के बाद धुओं उठा आँगन से ऊपर कई दिनों के बाद चमक उठीं घर वर की आँखें कई दिनों के बाद कौए ने खुजलाई पाँखें कई दिनों के बाद।
प्रश्न 4.
यहाँ किसका वर्णन है? (1)
(अकाल का, अकाल के पूर्व का, अकाल के बाद का)।
उत्तर:
अकाल के बाद का।
प्रश्न 5.
“घर भर की आँखें’ से क्या मतलब है? (2)
उत्तर:
यहाँ घर भर की आँखें का मतलब है घर भर के सभी जीवजंतु और मनुष्य की आँखें।
प्रश्न 6.
कवितांश पर टिप्पणी लिखें। (4)
उत्तर:
अकाल के बाद
हिंदी के प्रगतिशील कवि श्री नागार्जुन की कविता है – अकाल और उसके बाद। यहाँ बिहार में हुए भीषण अकाल का वर्णन है। प्रस्तुत पंक्तियाँ में कवि अकाल के बाद की स्थिति का सुंदर वर्णन किया है। कवि कहते हैं कि अकाल खतम हुआ है। घर में दाने आ गए। घर में कुछ पकाए गए। इसलिए आँगन से धुएँ उठने लगे हैं। कई दिनों के बाद घर के सभी जीवों और मनुष्यों की आँखें चमकने लगी है। कौए को भी कई दिनों के बाद कुछ खाने के लिए मिल गई है। वे भी खुशी के मारे पंखें खुजलाने लगे हैं। यहाँ कविता में कवि ने कई दिनों के बाद का बार-बार प्रयोग किया है। यह अकाल समाप्त होने की खुशहाली का द्योतक है। यहाँ जीवन की सच्चाई का सजीव वर्णन है।
सूचनाः “हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था’ टिप्पणी का अंश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
‘व्यक्ति को मैं नहीं जानता था, हताशा को जानता था।” कहते ही ये ‘जानने की हमारी उस जानी पहचानी रूढ़ि को तोड़ देते हैं जो व्यक्ति के नाम, पते, उम्र, ओहदे या जाति से जानने को जोड़ती है। यदि हम किसी व्यक्ति को उसकी हताशा, निराशा, असहायता या उसके संकट से नहीं जानते तो हम कुछ नहीं जानते।
प्रश्न 7.
‘जानने’ का असली आधार क्या है? (1)
(नाम से जानना, हताशा से जानना, जाति से जानना, पते से जानना)
उत्तर:
हताशा से जानना।
प्रश्न 8.
वाक्य पिरमिड़ की पूर्ति करें। (2)
उत्तर:
- व्यक्ति धीरे-धीरे चलता है।
- अपरिचित व्यक्ति धीरे धीरे चलता है।
प्रश्न 9.
संकेतों की सहायता से ‘जीवन में मूल्यों का महत्व विषय पर लघु लेख लिखें। (4)
उत्तर:
जीवन में मानवीय मूल्यों का महत्व।
मानव जीवन समस्याओं से भरा होता है। इन समस्याओं से भरी हुई ज़िन्दगी में दूसरों की मदद की ज़रूरत होती है। चाहे वह परिचित हो या अपरिचित। सहजीवियों का दुख हमारा भी दुख होता है। उसकी निराशा या हताशा देखकर हम उससे मुंह नहीं मोड़ सकते हैं। चाहे वह कोई भी जाति या धर्म का हो। आपस में सहायता करना बहुत ज़रूरी है। मानव सामाजिक प्राणी है। इस समाज में जीने के लिए लेन-देन की बड़ी ज़रूरत होती है। गरीबों के प्रति सहानुभूति की बड़ी जरूरत है। दूसरों के लिए त्याग का मनोभाव रखना ज़रूरी है। ऐसा करनेवाला ही सच्चा मानव है।
सूचनाः ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कवितांश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
सुबह-सुबह
बच्चे काम पर जा रहे हैं,
हमारे समय की सबसे भयानक पंक्ति है यह
प्रश्न 10.
यहाँ किसका वर्णन है? (1)
(बालश्रम का, अंधविश्वास, छुआछूत, लड़का-लड़क असमानता)
उत्तर:
बालश्रम का
प्रश्न 11.
बालश्रम कानूनन अपराध है – पोस्टर तैयार करें। (3)
उत्तर:
हताशा से जानना।
सूचना: ‘दिशाहीन दिशा’ यात्रावृत्त का अंश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
मगर बात करने की जगह उसने मेरा बिस्तर लपेटकर खिड़की से बाहर फेंक दिया और खुद मेरा सूटकेस लिए हुए नीचे उतर गया। इस तरह मुझे एक रात के लिए
वहाँ रह जाना पड़ा।
प्रश्न 12.
लेखक के मित्र कौन था? वे क्या करते हैं? (2)
उत्तर:
अविनाश लेखक का मित्र है। वे एक .समाचार पत्र का संपादक है।
प्रश्न 13.
लेखक के मित्र के व्यवहार पर अपना विचार लिखें। (2)
उत्तर:
लेखक और मित्र में बड़ी मित्रता है। इसीलिए उन्होंने रेलवे स्टेशन में आकर लेखक से वहीं पर उतर जाने को कह देता है। वह भी उनकी अनुमति के बिना।
प्रश्न 14.
लेखक की उस दिन की डायरी कल्पना करके लिखें। (4)
उत्तर:
दिन, दिनांक
वाह! न जाने आज कैसा दिन था…… एकदम खास दिन! यह दिन मैं कैसे भूल पाऊँ…… कदापि नहीं। अविनाश….. मेरा दोस्त….. कितना अच्छा इनसान है वह। भोपाल स्टेशन पर आकर मुझसे गाड़ी से उतरने को कहा। बड़े प्यार से। फिर मेरे पूरे सामान निकाल कर उतर गया। मुझे भी बाहर ले गया। सीधे उनके कमरे में चले गए। बड़ा खाना भी हुआ। देर तक बातें की। कई दिनों बाद मिल रहे थे हम। फिर भोपाल ताल घूमने निकले। कितना मज़ा आया। . -बस….. आज इतना ही। बाकी कल । बहुत नींद आ रही है। थकान भी है। एक सफल दिन की उम्मीद में….. शुभरात्री।
पत्र
स्थान,
तारीख
प्रिय मित्र राहुल,
नमस्कार।
तुम कैसे हो? आशा है हमारे दफ़तर में सब लोग ठीक हैं न? मैं गोआ की यात्रा में था। एक खास बात बताने के लिए मैं यह पत्र लिख रहा हूँ। जब मैं भोपाल स्टेशन पहुंचा तो मेरा एक मित्र, जिसका नाम अविनाश जो है आया और मुझे गाड़ी से बाहर ले गया। मेरा सामान भी स्वयं उठाकर प्लाटफार्म में चला गया। मैं भी नीचे उतरा। अविनाश भोपाल निवासी है। यह वहाँ के एक समाचार पत्र का संपादक है। वह एक अच्छा आदमी है। उसने मुझे अपने कमरे में ले गया और खूब खिलाया भी। फिर हम भोपाल ताल घूमने निकले। आधी रात को तालाब में घूमना बड़े मज़ेदार है। बस…….. अब इतना ही बाकी बातें अगले पत्र में। घर में संब को मेरा प्राणाम।
तुम्हारा मित्र,
मोहन राकेश
(हस्ताक्षर)
सूचनाः कहानी पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
हमारे गाँव में रामू नाम का एक छोटा लड़का रहता था। वह चौथी कक्षा में पढ़ता था। वह एक अनाथ लड़का था। वह रोज़ सुबह नदी में जाकर मछली पकड़ता था फिर उसे बेचता था। उस पैसे से वह किताबें और खाना खरीदता था। उसकी बुरी हालत देखकर गांववालों ने उसे एक अनाथालय में भेज दिया। वहाँ उसे अच्छा खाना और शिक्षा मिला था।
प्रश्न 15.
‘बुरी हालत’ इसमें विशेषण शब्द कौन-सा है? (1)
उत्तर:
बुरी
प्रश्न 16.
‘प्रतिदिन’ का समानार्थी शब्द खंड से चुनें। (1)
उत्तर:
रोज
प्रश्न 17.
रामू कैसा लड़का था? वह क्या करता था? (2)
उत्तर:
वह एक आनाथ लड़का था। वह मछली पकड़ता था।
सूचना : सही मिलान करें।
प्रश्न 18
(4)
उत्तर:
- फूलदेई – फूलों का त्योहार
- चैतीगीत – पांडवों की हिमालय यात्रा का वर्णन
- साहिल की आँखें – बीरबहूटी की तरह लाल
- साहिल के आँसू – बारिश की बूदें।