Kerala Syllabus 8th Standard Hindi Solutions Unit 1 Chapter 3 मैं इधर हूँ

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Kerala State Syllabus 8th Standard Hindi Solutions Unit 1 Chapter 3 मैं इधर हूँ (कविता)

मैं इधर हूँ Textbook Activities

प्रश्ना 1.
‘मैं इधर हूँ’ साबित करने में ज्ञान की क्या भूमिका है?
Kerala Syllabus 8th Standard Hindi Solutions Unit 1 Chapter 3 मैं इधर हूँ 1
उत्तर:
ज्ञान एक ऐसी उपलब्धि है, जिसके द्वारा मानव संसार में अपना अस्तित्व साबित करता आ रहा है। पुराने ज़माने में अनेक विद्वान-विदुषी थे वे अपने ज्ञान के ज़रिए इस संसार में अपने जीवन की छाप छोड़कर चले गए। वर्तमान समय में भी जितने लोग संसार में ख्याति प्राप्त कर रहे हैं ज्ञान के बलबूते पर है। जिस प्रकार फूल को खुशबू, चिड़िया को गाना, चाँद को चांदनी अपनी-अपनी पहचान का आधार है, उसी प्रकार ज्ञान मानव की अपनी विशेषता है। अपने ज्ञान के द्वारा मानव को अपना निशान संसार में अंकित करना है।

मैं इधर हूँ Summary in Malayalam and Translation

प्रस्तुत कविता ‘मैं इधर हूँ’ पी. मधुसूदनन द्वारा मलयालम में लिखी हुई है। इसका हिंदी अनुवाद इंदुमोहन ने किया है।
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खुशबू से और रंगों से, एक फूल बोला – मैं इधर हूँ। गानों से और लहरियों से, चिड़िया बोली – मैं इधर हूँ।
(हरेक में अपनी – अपनी खूबियाँ है। यह साबित कहने के लिए कवि कहते है – फूल को मनमोहक खुशबू और रंग हैं। खुशबू से और रंगों से फूल यह साबित करते है कि मैं इधर हूँ’। चिड़ियाँ अपनी मीठी बोली और लहरियों से साबित करती हैं कि ‘हम इधर हैं’।
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ओ शिशिर! हवा को भेज दिया कर बोला समंदर – मैं इधर हूँ।
चाँद! तुम चाँदनी उड़ेलते रहो, जुगुनू बोले – हम भी हैं।
सागर पहाड़ नदियाँ सब कहते हैं – हम इधर हैं।
(समुद्र हवा को भेज कर यह साबित करती है कि मैं इधर हूँ। चाँद चाँदिनी उडेलते हुए अपना सान्निध्य प्रकट करता है। चमकते हुए जुगुनू बोल रहा है ‘मैं इधर हूँ’। सागर, पहाड, नदियाँ सब अपनी अपनी खूबियों से कहते है कि ‘हम इधर हैं’। रंगों से, आवाज़ों से, गंध, लहर से सब यही कहते है – मैं इधर हूँ। अंत में कवि अपने साथियों से कहते है – मेरे प्रिय साथी, तुम भी ज़ोर से बोलो न ‘मैं इधर हूँ’।)
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मैं इधर हूँ शब्दार्थ Word meanings

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