Plus One Hindi Previous Year Question Paper 2018

Kerala Plus One Hindi Previous Year Question Paper 2018

♦ General Instructions Candidates

• There is a ‘cool off time’ of 15 minutes in addition to the writing time.
• Use the ‘Cool off time’ to get familiar with questions and to plan your answers.
• Read questions carefully.
• Read the questions carefully before answering.
• Calculations, figures and graphs should be shown in the answer sheet itself.
• Give equations wherever necessary.
• Electronic devices except non programmable calculations are not allowed in the Examination Hall.

सूचना : निम्नलिखित कवितांश पढ़िये और 1 से 4 तक के प्रश्नों का उत्तर लिखिए।

‘रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद,
आदमी भी क्या अनोखा जीव होता है!
उलझनें अपनी बनाकर आप ही फँसता,
और फिर बेचैन हो जगता न सोता है।
जानता है तू कि मैं कितना पुराना हूँ?
मैं चुका हूँ देख मनु को जनमते-मरते?
और लाखों बार तुझ-से पागलों को भी
चाँदनी में बैठ स्वप्नों पर सही करते।’

प्रश्न 1.
इस कवितांश के रचयिता कौन है?
(जयशंकर प्रसाद, रामधारीसिंह दिनकर, पवन करण)
उत्तर :
रामधारी सिंह दिनकर

प्रश्न 2.
‘उलझनें अपनी बनाकर आप ही फँसता’ – कौन? (1)
उत्तर :
आदमी

प्रश्न 3.
प्रगतिवाद की विशेषताओं के आधार पर कवितांश की आस्वादन टिप्पणी लिखिए। (6)
उत्तर :
हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध कवि रामधारि सिंह दिनकर की प्रगतिवादी तथा प्रतीकात्मक (Symbolic) कविता ‘चाँद और कवि’ के आरंभ की कुछ पंक्तियाँ यहाँ दी गयी हैं। प्रगतिवादी कविताओं में कल्पना तथा मनोरंजन को ज्यादा महत्व नहीं है और प्रगतिवादी कवि समाज की असमानताओं तथा विषमताओं को दुनिया के सामने खुल कर प्रस्तुत करना चाहा। इस प्रकार समाज का प्रगति (विकास) ही उनका लक्ष्य था। यहाँ चाँद अधिकारी वर्ग का प्रतीक है और कवि स्वयं कलाकार का प्रतीक है साथ ही साथ आम जनता का प्रतिनिधि भी है।

चाँद और कवि के बीच की वार्तालाप की शैली में लिखी गयी इस कविता से दिनकर समाज के उच्च वर्ग/अधिकारी वर्ग तथा निम्न वर्ग के आपसी तकरार को दिखाया है। रात के समय चाँद की ओर देखते समय कवि को लगा कि चाँद उससे कुछ कह रहा है। चाँद का कहना यह है कि मानव एक विचित्र जीव है। चाँद के अनुसार मानव इसलिए विचित्र है कि वे परेशानियाँ खुद बनाते हैं और उनमें अपने तन-मन को भूल कर पूर्ण रूप से डूब जाते हैं अखिर उनको एक स्वस्थ निद्रा तथा जागरण नहीं मिलते।

कवि तथा आम जनता एक सुन्दर तथा सुदृढ़ समाज की सपना देखनेवाले हैं। यह तो चाँद जानता है। आगे चाँद घोषित करते हैं कि वह ही मानव से ज्यादा श्रेष्ठ है। क्योंकि अपने आदिम मनुष्य मन के जन्म तथा मृत्यू भी देख चुका है और कहना चाहते है कि वह मानव से पुराना है। मानव को सपनों का व्यंग्य ऐसा उठाते हैं कि चाँद के अनुसार नींद को खोकर चाँदनी में बैठकर सपने बुननेवाले लोग पागल है। क्योंकि चाँद के राय में इनके सपने हमेशा सपने ही बनकर रहेंगे, कभी साकार नहीं होंगे। सरल भाषा में लघु प्रतीकों द्वारा लिखी गयी यह कविता लोगों के दिल तक जल्दी पहूँच जाते हैं। बिल्कुल आस्वाद ही है।

प्रश्न 4.
सही मिलान कीजिए। (8 x 1 = 8)
HSSlive Plus One Hindi Previous Year Question Papers and Answers 2018 1
उत्तर :
HSSlive Plus One Hindi Previous Year Question Papers and Answers 2018 3
सूचना : निम्नलिखित 5 से 8 तक के प्रश्नों में से किन्हीं तीन का एक या दो वाक्यों में उत्तर लिखिए।

प्रश्न 5.
‘पत्थर की बैंच (3 x 2 = 6)
जिसपर अंकित हैं आँसू, थकान
विश्राम और प्रेम की-स्मृतियाँ
पत्थर की बैंच पर क्या अंकित है?
उत्तर :
पत्थर की बेंच पर कई प्रकार के लोगों ने समय-समय पर अपने मन की तरह-तरह के संबेदनाओं को अंकित किया है। किसी ने अश्रु पोंछा है, किसी ने थकावट दूर किया है, कुछ लोगों ने आराम किया है तथा कुछ लोगों ने प्यार की मीठी-मीठी यादों को पुनः स्मरण किया है।

प्रश्न 6.
‘मैं आपको इतमीनान दिलाता हूँ कि किसी किस्म का दंगा-फसाद न होगा। हम दुकाने लुटने या मोटरें
तोड़ने नहीं निकले हैं …….
यहाँ इब्राहिम अली के चरित्र की कौनसी विशेषता प्रकट होती है?
उत्तर :
इब्राहिम अली अहिंसा व्रतधारी है। वह किसी को कोई नुक्सान न पहुँचाकर भारत की आज़ादी हासिल करना चाहता है।

प्रश्न 7.
‘अंधकार का जलधि लाँघकर
आवेंगी शशि-किरने’
शशि-किरनें कैसे आएँगी?
उत्तर :
कवि कहते हैं कि वसंतकालीन रात भी दिन के जैसे आकर्षक है। तब चंद्रमा को रश्मियाँ/रोशनी अंधेरा रूपी सागर को पार कर के भूमि में आएगी।

प्रश्न 8.
‘उसके दोनों गुर्दे में खराबी थी, डाक्टर ने रिक्शा चलाने से मना कर रखा था।’ डाक्टर द्वारा मना करने पर भी असलम क्यों रिक्शा चलाता रहा?
उत्तर :
असलम अपने परिवार के एकमात्र सहारा था। इसलिए अपने परिवार को संभालने केलिए उसने डाक्टर की बातों को अनसुना करके रिक्शा चलाता रहा।

सूचना : 9
से 13 तक के प्रश्नों में से किन्हीं चार का उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखिए। (4 x 4 =16)

निम्नलिखित दोहा पढ़िए।
दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय।
जो सुख में सुमिरन करे, तो दुख काहे होय।।’
सुख और दुख दोनों में ईशवर का स्मरण करना है।
दोहे का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
निर्गुण भक्तिशाखा के श्रेष्ठ कवि कबीरदास कहते है कि लोग संकट तथा विपत्ति के अवसर में ईश्वर का पूजा-पाठ करते हैं तथा उनका नाम लेते हैं, लेकिन खुशी एवं मौज-मस्ती के समय वे अक्सर ईश्वर को भूल जाते हैं। कबीर के अनुसार जो ज़िन्दगी के खुशी भरे दिनों में भगवान का नाम स्मरण करता है, उसकी ज़िन्दगी में कभी दुःख न होगा। कहने का मतलब यह है कि हमें जीवन के हर पल में, चाहे सुख हो या दुःख भगवान को याद करते रहना है।

प्रश्न 10.
‘जुलूस’ नाट्यरूपांतर के बीरबल सिंह के ये कथन पढ़िए।

  • मुझे यह हुक्म है कि जुलूस यहाँ से आगे न जाने पाए।
  • यहाँ खड़े होने का भी हुक्म नहीं है। आप लोगों को वापस जाना पड़ेगा।
  • फिर से सोच लें ! बहुत नुकसान उठाना पड़ेगा। इन कथनों के आधार पर बीरबल सिंह के चरित्र पर टिप्पणी लिखिए।

उत्तर :
अंग्रेजों के विरुद्ध भारत में स्वराजियों द्वारा संपन्न जुलूस के नेता इब्राहिम अली तथा उनके दल से बीरबल सिंह ऐसा कह रहा है। वह भारतीय होकर भी अंग्रेज़ों के अधीन में काम करनेवाला है। वह दारोगा है और स्वराजियों को रोकता है। वह जल्लाद है तथा अंग्रेज़ों के पिठ्ठ है। अपने दायित्व गंभीरता से निभानेवाला है तथा माहौल को समझनेवाला है। इसलिए अंग्रेज़ सरकार के आदेशों को पालन करने में पूरा ध्यान देता हैं। इधर दिए कथनों के आधार पर बीरबल सिंह के चरित्र के बारे में ऐसे भी एक विशेषता निकलता है कि वह अपने वजह से भारतियों को कुछ नुक्सान न होने को शायद चाहता होगा। क्योंकि वह जानता है कि नुक्सान कितना भयानक है।

प्रश्न 11.
जीवनवृत्त पढ़िए।
जीवन-वृत्त

नाम : यशपाल
जन्म : 3 दिसंबर, 1903
जन्मस्थान : फिरोज़पूर छावनी, पंजाब
प्रमुख रचनाएँ : झूठा सच, दिव्या, सिंहावलोकन
पुरस्कार : पद्मभूषण, साहित्य अकादमी पुरस्कार
विशेषताएँ : क्रांतिकारी रचनाकार, हिंदी के प्रमुख कथाकारों में से एक
मृत्यु : 26 दिसंबर, 1976
इस जीवनवृत्त के आधार पर यशपाल के बारे में एक अनुच्छेद लिखिए।

उत्तर :
हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार यशपाल का जन्म पंजाब के फिरोज़पूर छावनी में 3 दिसंबर 1903 को हुआ।
वे हिन्दी के प्रमुख कथाकारों में से एक है तथा क्रांतिकारी रचनाकार भी है। झूठा सच, दिव्या, सिंहावलोकन आदि उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं। पद्मभूषण, साहित्य अकादमी पुरस्कार आदि से वे सम्मानित है। उनकी मृत्यू 26 दिसंबर 1976 को हुई।

प्रश्न 12.
‘कहना नहीं आता’ इस कविता की पंक्तियाँ पढ़िए।
‘जिनके पास कहने को है
जो कहना चाहते हैं,
जिन्हें कहना नहीं आता
मैं उनमें से एक हूँ।’
कवि, समाज के शोषित-पीड़ित लोगों के लिए आवाज़ उठाते हैं। कवितांश का विश्लेषण कीजिए और अपना मत प्रकट कीजिए।
उत्तर :
‘कहना नहीं आता’ नामक कविता में कवि पवन करण भारत के विविधता भरे समाज के एहम भूमिका निभानेवाले शोषित-पीडित तथा उपेक्षित जनका केलिए बलंद आवाज़ उठाते हैं। ये बेचारे लोग तो हाशिएकत है जो कई प्रकार के हकों से वंचित भी हैं। इनको समाज के अधिकारी वगों ने हमेशा दबाकर रखा है। कभी उनपर उठना नहीं देता। मौका मिलने पर भी ये लोग अपने ज़रूरतों को माँगने में अक्सर हार जाते हैं। क्योंकि अधिकारी वर्गों ने इनके जुबान को बंद किया है। इसलिए कवि कहते हैं कि वे इन बेसहोर जनता को साथ देकर उनकी प्रगति केलिए कुछ करना चाहते है।

प्रश्न 13.
‘आनंद की फुलझड़ियाँ’ इस निबंध का अंश पढ़िए।
‘मुझे भी बड़ी प्रसन्नता हुई कि मैं उन थोड़े-से शब्दों द्वारा उस क्लर्क के जीवन में
किंचितमात्र भी क्यों न हो, सुख तो पहूँचा सका।’
बैंक की घटना के आधार पर टिप्पणी लिखिए।

  • लेखक का हिसाब खोलने के लिए बैंक जाना।
  • क्लर्क की हस्तलिपि की तारीफ करना।
  • क्लर्क का खुश हो जाना।

उत्तर :
‘आनंद की फुलझड़ियाँ’ नामक निबंध में निबंधकार अनंत गोपाल शेबड़े ने कुछ ऐसे निजी अनुभवों कावर्णन किया है जिनमें वे अपने कुछ शब्दों से दूसरों की आँखों में खुशी का लहर ला सका। एक बार वे किसी बैंक में हिसाब खोलने गए तो लिपिक उनका पूछ-ताछ करके पास बुक में दर्ज करने लगा। तब लेखक का ध्यान लिपिक की सुन्दर हस्तलिपि पर पड़ गया और उस लिपि को करीब से देखकर ‘ब्यूटिफुल’ कहा। लिपिर का चेहरा तो खुशी से खिल गया और शान तथा विनय से उसने कहा कि मैनेजर साहब ने उसको ऐसे तारीफ दिया है और हाईस्कूल में उसे सुन्दर लिखावट केलिए पारितोषिक भी मिला था। बात छोटी हो या बड़ी, अगर तारिफ़ देने योग्य है तो हमें सच्चे दिल से देना है जो दूसरों केलिए भी प्रेरणादायक होगा, और उस व्यक्ति केलिए विशेष पहचान भी देगा।

सूचना : 14 से 17 तक के प्रश्नों में से किन्हीं तीन का उत्तर लिखिए। (3×6=18)

प्रश्न 14.
असलम की मृत्यु की खबर सुनकर यात्री बहुत दुखी हुए। घर पहुँचकर यात्री अपनी पत्नी से इसके बारे में बातें करता है। वह बातचीत तैयार कीजिए।

  • रोज़ की तरह दफ्तर की यात्रा
  • असलम की मृत्यु की खबर सुनना
  • अपने व्यवहार से उत्पन्न पश्चात्ताप

उत्तर :

यात्री : अरे राधा, किधर हो? कुछ पानी लाओ।
पत्नी (राधा) : हाँ, हाँ आती हैं। यह लीजिए पानी, आज तो जल्दी वापस आए हैं! क्या सब कुछ ठीक तो है न?
यात्री : दुपहर को छुट्टी ली है। मन तो ठीक नहीं है। हमारा रिक्षावाला असलम हमेशा केलिए इस दुनिया को छोड़कर चला गया है जो रोज़ मुझे दफ्तर पहूँचाता पत्नी : बाप रे! में यह क्या सुन रही हूँ! वह कैसे मर गया और किसने बताया आपको?
यात्री : सच है राधा ! आज सुबह को दफ्तर जाने केलिए मैंने उसका इंतज़ार किया, लेकिन वह न आया। फिर एक दूसरे रिक्षेवाले ने मुझसे उसके रिक्षे में चढ़ने को कहा और यात्रा के बीच उसने मुझसे यह दुखी खबर बताया। उसने यह भी कहा कि असलम के दोनों गुदो में खराबी था और डाक्टर ने उसे रिक्षा चलाने से मना करके रखा था। लेकिन असलम ने अपने परिवार को संभालने केलिए डाक्टर की बातों पर ध्यान न देकर रिक्षा चलाने का काम जारी किया।
पत्नी : मुझे लगती है कि उसकी मृत्यू एकदम अकस्मात हुई है।
यात्री : हाँ राधा, तुम ठीक कह रही हो। कल मुझे दफ़तर पहँचाकर लौटा तो उसका पेशाब बंद हो गया और अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही मर गया। लेकिन उसके मौत में मेरा भी एक हाथ है।
पत्नी : आप का हाथ? आप यह क्या बकवास कह रहे हैं?
यात्री : बकवास तो नहीं, सच्चाई है। कल मुझे पहले पहल वह एकदम चुस्त लग रहा था। लेकिन आगे बढ़ते ही वह यात्रा के बीच-बीच में कराहने लगा और एक हाथ से पेट भी पकड़ा। लेकिन में ने सोचा कि ये सब उसका नाटक है, डाकबंगलेवाली चढ़ाई पर मुझे उतरवाने केलिए। इसलिए मैं ने रिक्षा से न उतरा और आखिर उसने उतरकर दाहिना हाथ गद्दी पर जमाकर चढ़ाई पर रिक्षा खींचा। उसका हॉफ अभी भी मेरे कानों में गूंज रहा है और पसीने भेरे उसका चेहरा मेरे आँखों के सामने हैं।
पत्नी : आप ने जो कुछ किया वह अनजाने में गलतफहमी से हुआ है। हम भगवान से माफी माँगेंगे, गलती को सुधारने केलिए उसके परिवार के सहायता करेंगे।
यात्री : ज़रूर। आज डाकबंगलेवाली चढ़ाई पर पहुंचे तो मैंने मज़बूत कदकाठी दूसरे रिक्षेवाले से गाड़ी रोकने को कहा और में अपने अपराध के बोझ से सिर झुकाकर रिक्ष के साथ पैदल चढ़ाई चढ़ा।
पत्नी : जो अपनी गलती को मानकर सुधारता है वह ही महान है आप थोड़ा आराम कीजिए, सब कुछ ठीक हो जाएंगे।

प्रश्न 15.
निम्नलिखित अंग्रेज़ी संवाद का हिंदी में अनुवाद कीजिए।

Vishal : Do you have the habit of reading?
Roopak : Yes. I do have.
Vishal : Where from you get books for reading?
Roopak : I get books from my school library.
Vishal : What types of books you read?
Roopak : Mostly I read short stories.

उत्तर :

विशाल : क्या तुम्हें पढ़ने की आदत है?
रूपक : जी हाँ, में ऐसा करता हूँ।
विशाल : तुम्हें पढ़ने केलिए कहाँ से पुस्तकें मिलता हैं?
रूपक : में अपने स्कूल के पुस्तकालय से किताबें लेता हूँ।
विशाल : तुम किस प्रकार के पुस्तकें पढ़ते हो?
रूपक : मुख्य रूप से में लघुकथाएँ पढ़ता हूँ।

प्रश्न 16.
‘अपराध’ इस कहानी के बड़े भाई को पिताजी से सज़ा मिली थी। उसने कोई अपराध नहीं किया
था। फिर भी पिताजी ने उसे सज़ा दी। उस दिन की डायरी में बड़े भाई ने क्या-क्या लिखा होगा? 60-80 शब्दों में वह डायरी तैयार कीजिए।

  • छोटे भाई द्वारा सच्चाई छुपाना
  • बार बार कहने पर भी पिताजी का न मानना
  • मानसिक संघर्ष

उत्तर :
9 मार्च 2018
रविवार
आज का दिन मेरा दिल पूरा टूटा गया। एक बड़ा सबक भी मझे सिखाया कि हम किसी को अपने जान से बढ़ कर प्यार न करें। मेरा इकलौता छोटा भाई, आखिर क्यों किया मेरे साथ ऐसा? मैंने अभी तक उसकेलिए क्या-क्या नहीं किया ! प्यार किया, दुलार किया, हमेशा साथ दिया और खुब संरक्षण किया। उसके पेर पर एक काँटा भी चुभना मेरे लिए असहनीय था। लेकिन कभी उसके मन की बात जानने की कोशिश न किया। मैं ने सोचा कि वह भी मुझे पसंद करता है। लेकिन आज तो सब कुछ खुल्ल-खुल्ला सामने आ गया। खेलों में हम हमेशा जोडी बनकर रहते थे। लेकिन आज का खडष्बल तो पालीवाले खेल नहीं था। इसलिए मैं अकेला खेलने लगा। उसे तो कम उम्र का होने से दर्शक बनकर बैठना पड़ा हम साथियों के बीच तेज़ मुकाबला चल रहा था। इसके वजह से मैं उस पर ध्यान नहीं दे पाया। इसलिए वह नाराज तथा दुखी बन गया होगा।

लेकिन उसके माथे पर वह चोट कैसे पहुँच गया? उसको कैसे ऐसे कहने की मन आया कि वह चोट मेरे द्वारा उसके माथे पर खड़ब्बल से मारने के वजह हुआ है और उस बड़ी झूठ को सच्चाई में बदलने का कोशिश भी उसने नहीं किया, सबसे बड़ी दर्दनाक पल वह हुआ कि पिताजी ने मुझ पर अविश्वास किया और सज़ा भी दिया। सज़ा तो वे दे सकते हैं, लेकिन कुछ पूछे बिना आँखें मूंद कर प्रतिक्रिया किया। मैं तो अपना निरपराधित्व बता रहा था, लेकिन उन्होंने तनिक भी सुना नहीं। सच्चाई एक दिन सभी के समझ में आ जाएगा। मैं बड़ा हूँ न, माफ़ करूँगा छोटे भाई को। गलती तो होता है, लेकिन उसको ज़रूर में उसकी गलती का एहसास दिलाऊँगा। क्योंकि आगे वह किसीसे ऐसा कुछ न करे। अब कुछ राहत मिल गया मन को। सबेरे उससे बात करेगा तो दिल का बोझ और कम हो जाएगा। हे भगवान ! रक्षा करें मेरे परिवार का।

प्रश्न 17.
गांधी जयंती के अवसर पर सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल, पालक्कड के छात्र आसपास के
जलस्रोतों की सफाई कर रहे हैं। इसका उद्घाटन सुबह 10 बजे स्कूल के प्रांगण में जिलाधीश करेंगे। इसके लिए एक पोस्टर तैयार कीजिए।
(जलस्रोत – water resources, प्रांगण – court yard)

सूचना : निम्नलिखित खण्ड पढ़िए और 18 और 19 प्रश्नों का उत्तर लिखिए।

‘एक बूढ़ा आदमी, जिसके बाल सफेद हो गए थे, जमीन खोद रहा था। एक नौजवान ने, जो वहाँ से गुजर रहा था, उस बुजुर्ग को परिश्रम करते देख पूछा, “बाबा, यह क्या कर रहे हो?”
“आम की गुठलियाँ बो रहा हूँ।” बूढे ने कहा।
“इस उम्र में? इसके फल कब खाओगे बाबा?”
“में फल नहीं जा सकता तो क्या हुआ बेटा, तुम तो खा सकोगे? मेरे तम्हारे नाती-पोते तो खाएँगे ना? देखो, वह अमराई मेरे दादा ने लगाई थी, तो उसके फल मैंने खाए। इसके फल मेरे नातीपोते खाएँगे।”
हमारे पूर्वजों की इसी मनोवृत्ति का फल है, जो हम जगह-जगह अमपाई देखते हैं। अपने स्वार्थी जीवन से ऊँचे उठकर दूसरों को सुख और आनंद पहुँचाने का यह कैसा सुंदर स्वभाव है।
उत्तर :
HSSlive Plus One Hindi Previous Year Question Papers and Answers 2018 4

प्रश्न 18.
नौजवान के सवाल का बूढ़े ने क्या जवाब दिया
उत्तर :
नौजवान ने पूछा कि जिस आम की गुठलियों को बूढ़ा बो रहा है, उसका फल बूढ़ा खा सकता है। तब बूढ़े ने जवाब दिया कि में फल नहीं खा सकता तो क्या हुआ बेटा, तुम तो खा सकोगे? मेरे तुम्हारे नाते-पोते तो खाएँगे न? देखो, वह अमराई मेरे दादा ने लगाई थी, तो उसके फल मेंने खाए। इसके फल मेरे नाते
पोते खाएंगे।

प्रश्न 19.
खंड का संक्षेपण कीजिए और शोर्षक दीजिए। (6)
उत्तर :
आनेवाले कल केलिए जमीन को खोद कर आम की गुठलियाँ बोनेवाले एक बूढ़े आदमी से एक नौजवान ने उसके फायदे के बारे में पूछा। तब बूढ़े ने बताया कि फल तो खुद केलिए नहीं, आनेवाली पीढ़ियों केलिए है। ऐसे निस्वार्थ कर्मो से दूसरों को सुख पहूँचाना एक सुन्दर स्वभाव है।

सूचना : 20 से 22 तक के प्रश्नों में से किन्हीं दो का उत्तर लिखिए। (2×8=16)

प्रश्न 20.
ये सुखियाँ पढ़िए।
HSSlive Plus One Hindi Previous Year Question Papers and Answers 2018 2

केरल के स्कूलों में रुबल्ला टीकाकरण का कार्यक्रम चल रहा है। अभी तक 80% के आसपास छात्रों का टीकाकरण हुआ है। टीकाकरण को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार द्वारा क्याक्या कारवाईयाँ की गई है, यह जानने के लिए अभिजित कुमार, सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल तृशूर की ओर से सार्वजनिक सूचना अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्रालय, केरल सरकार के नाम पर एक सूचना अधिकार पत्र लिखा जा रहा है। वह पत्र तैयार कीजिए।
(टीकाकरण – vaccination, दुष्प्रभाव – side effect)
उत्तर :
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HSSlive Plus One Hindi Previous Year Question Papers and Answers 2018 6

प्रश्न 21.
सूचकों की सहायता से किसी मनपसंद फिल्म की समीक्षा कीजिए।

  • फिल्म का कथासार
  • पात्रों का अभिनय
  • पटकथा, संवाद, छायांकन, संपादन
  • निदेशक की भूमिका
  • फिल्म के प्रति अपना दृष्टिकोन

उत्तर :
तारे ज़मीन पर (फिल्मी समीक्षा)
बच्चे ओस की बूंदों की तरह एकदम् शुद्ध और पवित्र होते हैं। वे कल के नागरिक हैं, लेकिन दुःख की बात है कि बच्चों को अनुशासन के नाम पर तमाम बंदिशों में रहना पड़ता है। लेकिन, आजकल हर घर से ‘टॉपर्स’ और ‘रैकर्स’ तैयार करने की कोशिश की जा रही है। कोई यह नहीं सोचता कि उनके मन में क्या है? वे क्या सोचते हैं? उनके क्या विचार हैं? इन्हीं सवालों और बातों को आमिरखान ने अपनी फ़िल्म ‘तारे ज़मीं पर’ में उठाया है। फिल्म की कहानी इस प्रकार है : आठ वर्षीय ईशान अवस्थी (दर्शील सफ़ारी) का मन पढ़ाई के बजाय कुत्तों, मछलियों और पेंटिंग में लगता है। उसके माता-पिता चाहते हैं कि वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलता।

ईशान घर पर माता-पिता की डॉट खाता है और स्कूल में शिक्षकों की। कोई भी यह जानने की कोशिश नहीं करता कि ईशान पढ़ाई पर ध्यान क्यों न दे रहा है। इसके बजाय वे ईशान को बोडिंग स्कूल भेज देते हैं। खिलखिलाता ईशान वहाँ जाकर मुरझा जाता है। वह हमेशा सहमा और उदास रहने लगता है। उस पर निगाह जाती है आर्ट टीचर रामशंकर निकुंभ (आमिर खान) की। निकुंभ उसकी उदासी का पता लगाते हैं और उन्हें पता चलता है कि ईशान बहुत प्रतिभाशाली है, लेकिन डिसलेक्सिया की बीमारी से पीडित है। उसे अक्षरों को पढ़ने में तकलीफ़ होती है। अपने प्यार और दुलार से निकुंभ ईशान

के अंदर छिपी प्रतीभा को सबके सामने लाते हैं। कहानी सरल है, जिसे आमिरखान ने बेहद प्रतिभाशाली तरीके से परदे पर उतारा है। पटकथा की बुनावट एकदम चुस्त है। छोटे-छोटे भावनात्मक दृश्य रखे गए हैं, जो सीधे दिल को छु जाते हैं। ईशान की भूमिका में दर्शील सफारी इस फ़िल्म की जान है। आमिर खान मध्यांतर में आते हैं और छा जाते हैं। टिस्का चोपडा (ईशान की मम्मी) ने एक माँ की बेचैनी को उम्दा तरीके से पेश किया है।

विपिन शर्मा (ईशान के पापा) सचेत इंजीनीयर और सारे अध्यापकों का अभिनय भी अच्छा है। निर्देशन के मैदान में पहली बार उतरे आमिर खान ने दिखा दिया है कि फ़िल्म माध्यम पर उनकी समझ और पकड अद्भुत हैं। प्रसून जोशी द्वारा लिखे गीत बहुत कुछ कहते हैं और परदे पर उनको देखते समय उनका प्रभाव और बढ़ जाता है। शंकर-अहसान-लॉय का संगीत भी अच्छा है। फिल्म की फोटोग्राफी बहुत ही प्रभावशाली है।

प्रश्न 22.
‘विश्व मधुमेह दिन’ (World Diabetes Day) पर स्कूल के हेल्थ क्लब द्वारा ‘व्यायाम का
महत्व’ इस विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठि में प्रस्तुत करने के लिए एक आलेख तैयार कीजिए।

  • आधुनिक जीवन शैली
  • व्यायाम का अभाव
  • बीमारी से पीड़ित नई पीढ़ी
  • व्यायाम स्वास्थ्य के लिए उत्तम

उत्तर :
मंच पर उपविष्ठ विशिष्ट व्यक्तियों और मेरे प्यारे दोस्तों, सबको मेरा प्रणाम। आज हम नज़र डालेंगे, एक समकालीन विषय पर, जो बनता है ज़िन्दगी के एक मुख्य भूमिका, वह है जीवन में व्यायाम का महत्व।कहावत है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का विकास होता है, स्वस्थ विचार तथा उपाय का उदय होता है। यह तो ज़िन्दगी में तरक्की पाने केलिए बहुत ज़रूरी है। एक सुदृढ तथा सुगठित समाज का बुनियाद भी उस समाज में रहनेवाले स्वस्थ नागरिक है।  आधुनिक समाज तो प्रौद्योगिकी तथा तकनीकी विकास के वजह से बिल्कुल आरामदायक ज़िन्दगी है।

इनमें से अधिकांश लोग कभी विश्राम तो नहीं करते हैं और दिन-रात मेहनत करते हैं। लेकिन बहुत सारे कामों केलिए लोगों को ज्यादा शारीरिक काम नहीं करना पड़ता है जिसके कारण उनकी शारीरिक क्षमता कम हो जाती है। मन में तनाव बढ़ जाते हैं। नींद भी कम हो जाते हैं और मन में अनावश्यक सोच तथा आशंकाएँ बढ़ते हैं। इन सभी परेशानियों से जल्दी मुक्ति पाने केलिए वे लोग नशीले पदार्थो का आश्रय लेते हैं। . आधुनिक पीढ़ि के भोजन में भी बदलाव आया है। आज के अधिकांश लोग विशेषकर युवा, वक्त पर खाना खाते नहीं। पाकेट भोजन ही उनको पसंद है। घर में अधिकांश समय पकाते नहीं, इसके बदले होटलों पर निर्भर रहते हैं। वे फास्ट फुट के दीवाने हैं। आज बाज़ार में आधे रूप से पकाया गया भोजन भी उपलब्ध है। इन सभी को खाने से कई प्रकार के रासाचनिक पदार्थ शरीर पर पहुँच जाते हैं जिसके कारण भीषण बीमारियों होते हैं और मृत्यु का शिकार बनते हैं।

मधुमेह एक तेजी से फैल रही जीवनशैली बीमारी है जिसे नियमित कसरतों से आसानी से नियंत्रण में रखा जा सकता है, व्यायाम करने से शरीर की एक-एक कौशिका को भर पूर ऑक्सिजन मिलता है और शरीर में खून का संचालन बढ़ता है। व्यायाम से शरीर की गंदगी निकलती है, फेफडे में ज्यादा ऑक्सिजन आने से शरीर तरोताजा हो जाता है, मसल्स बढ़ता है, शरीर में जमी हुई ची (cholesterol) कम होती है। सुबह तथा शामको टहलना व्यायाम का सबसे सरल रूप है। तैराकी, साइकलिंग, कबड्डी जैसे विभिन्न प्रकार के खेल, घरेलू काम जैसे साफ़-सफ़ाई एवं बागवानी (gardening) व्यायाम के विभिन्न प्रकार है। योग (yoga) मधुमेह नियंत्रण की उपयोगी विधि है।

थोड़ा व्यायाम करना चाहिए, खाना खाने के बाद व्यायाम नहीं करना चाहिए। किसी भी व्यायाम को शुरू करने से पूर्व 5-10 मिनिट का वार्मआप आवश्यक है जो शरीर को व्यायाम केलिए तैयार करता है। अपने शरीर की आवश्यकता के अनुसार हमें ऐसा व्यायाम चुनना चाहिए जो हमारी शारीरिक आवश्यकता पूर्ण करने के अलावा हमारी पहूँच में हो तथा हमारे लिए रुचिकर (interesting) भी हो किसी भी प्रकार के व्यायाम करने से पहले आपके चिकित्सक का परामर्श अवश्य लें।

ऐसा माना जाता है कि नियमित व्यायाम करने से लोग जल्दी बूढ़े नहीं दिखते हैं, तन तथा मन स्वस्थ बन जाते हैं, कार्यक्षमता बढ़ती है और दिमाग तेज़ बनता है। इसलिए व्यायाम को अपनी ज़िन्दगी का एक एहम हिस्सा बनाकर रखना है।

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