Plus One Hindi Textbook Answers Unit 3 Chapter 9 आनंद की फूलझडियाँ

Kerala State Board New Syllabus Plus One Hindi Textbook Answers Unit 3 Chapter 9 आनंद की फूलझडियाँ Text Book Questions and Answers, Summary, Notes.

Kerala Plus One Hindi Textbook Answers Unit 3 Chapter 9 आनंद की फूलझडियाँ

Anand Ki Fuljhadiya Plus One Hindi Chapter 9  प्रश्न 1.
पात्र और घटनाओं का सही मिलान करें।
Anand Ki Fuljhadiya Plus One Hindi Chapter 9
उत्तर:
आनंद की फुलझड़ियाँ Plus One Hindi Chapter 9

आनंद की फुलझड़ियाँ Plus One Hindi Chapter 9 प्रश्न 2.
संक्षेपण करें: “एक बूढ़ा आदमी, जिसके बाल सफ़ेद हो गए थे इसके फल मेरे नाती-पोते खाएँगे।”
उत्तर:
Hindi Plus आनंद की फुलझड़ियाँ Chapter 9

सत्कृत्य:
बूढ़े आदमी से नवजवान ने समझा कि पेड़ पौधे लगाने से प्रकृति सुन्दर हो जाती है और भविष्य में उपयोग में आता है।

Hindi Plus आनंद की फुलझड़ियाँ Chapter 9 प्रश्न 3.
संभ्रांत महिला रेलगाड़ी से कुछ चीजें बाहर फेंकती जा रही है तब सहयात्री और संभ्रांत महिला के बीच का संभावित वार्तालाप तैयार करें।
उत्तर:
संहयात्री : यह आप क्या फेंक रही हैं?
महिला : मैं…….?
सहयात्री : हाँ…. हाँ…….
महिला : तुम देखते नहीं?
सहयात्री : इसलिए तो पूछता हूँ।
महिला : ये तो बीज हैं।
सहयात्री : बीज?
महिला : हाँ… हाँ… फल-फूलों के बीज हैं।
सहयात्री : इनको खिड़की से क्यों फैंकती हैं?
महिला : इनमें कुछ जड़ पकड़ लेंगे।
सहयात्री : तो फिर?
महिला : तब फायदा होगा।
सहयात्री : फायदा? किस प्रकार?
महिला : फूलेंगे, फलेंगे।
सहयात्री : तब?
महिला : मनुष्य के लिए उपयोगी होंगे।
सहयात्री : अरे बापरे! आप तो महान कार्य कर रही हैं।
महिला : यह लो….आप भी फेंकिए।
सहयात्री : हाँ…… हाँ….. दीजिए।

Apoorv Anubhav Class 11 Summary In Hindi Chapter 9 प्रश्न 4.
मान लें, रेलगाड़ी में सफर करनेवाली वृद्ध संभ्रांत महिला की नज़र डिब्बे में चिपके हुए विज्ञापन पर पड़ती है जो रक्तदान के महत्व को रेखांकित करता है। संकेतों के सहारे वह विज्ञापन तैयार करें।

  • समभाव
  • सहिष्णुता
  • मानव-प्रेम
  • जीवनदान

उत्तर:

स्वास्थ्य मंत्रालय का विज्ञापन
‘रक्तदान महादान है।’

भाईयो,…… बहनो,…..
रोगावस्था में पीड़ित भाई-बहनों से समभाव रखिए । सहिष्णुता और अनुकंपा रखकर जान बचाने के लिए रक्तदान करके सहायता दीजिए। रक्तदान जीवनदान ही है!! सरकारी रक्तदान केन्द्रों में जाकर खुशी से रक्तदान कीजिए!! आपका रक्त कटेगा नहीं बढ़ेगा!! दूसरों की जान बचेगी।

Plus One 9 Hindi आनंद की फुलझड़ियाँ प्रश्न 5.
‘आज भी वह रक़म अमेरिका में ज़रूरतमंदों के हाथों में घूम रही है’ – मान लें, वह रक़म अपने वर्तमान अनुभवों का आत्मकथा के रूप में ज़िक्र करती है। वह आत्मकथांश लिखें।
उत्तर:

मैं हूँ जरूरतमंदों के सामने

मैं रकम हूँ। मैं साधारण रकम नहीं। मैं एक अपूर्व रकम हूँ। मैं जन्म से अमेरिकी हूँ। अमेरिका के प्रसिडेंट बेंजमिन फ्रैंकलीन के हाथों से मेरा जन्म हुआ। मुझे प्रसिडेंटजी ने एक गरीब विद्यार्थी की सहायता में दिया था। मैंने उसे भाग्यवान् बनाया। विद्यार्थी ने मुझे वापस करने के लिए प्रसिडेंट के पास गया। लेकिन, बेंजमिनजी ने उससे बतायाः “आप इसे अपने ही पास रखिए और जब आपके पास कोई ऐसा ही ज़रूरतमंद आये तो उसे यह दे दीजिए” । उस व्यक्ति ने ऐसा ही किया। आज भी मैं अमेरिका के ज़रूरतमंदों के हाथों में घूम रही हूँ। मैं कितना सौभाग्यवान हूँ! ज़रूरत पड़े, मुझे बुलाईए। मैं ज़रूर आऊँगा।

मेरे इतने जीवनकाल से मैंने समझा कि समाज की पूँजी धनवानों के हाथों में है। पूँजी का समुचित विवरण से समाज का संतुलन होता है। जरूरतमंदों के हाथों में पूँजी का सौगुना मूल्य होगा। मैं रकम, पूँजी समान है। मैं जरूरतमंदों को जीवनदान करता हूँ।

Plus One Hindi आनंद की फूलझडियाँ Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
ज़मीन कौन खोद रहा था?
उत्तर:
एक बूढ़ा आदमी।

प्रश्न 2.
बूढ़े आदमी क्या बो रहे हैं?
उत्तर:
आम की गुठलियाँ।

प्रश्न 3.
नौजवान के प्रश्न पर बूढ़े का उत्तर क्या था?
उत्तर:
भविष्य में दूसरों की भलाई के लिए आम की गुठलियाँ बो रहा हूँ।

प्रश्न 4.
पूर्वजों के मनोवृत्ति का फल क्या है?
उत्तर:
वर्तमान के लोगों के लिए भलाई होती है।

प्रश्न 5.
लेखक ने सुंदर स्वभाव की परिभाषा कैसे दी है?
उत्तर:
अशा दूसरों को सुख और आनंद पधुंचानेवाले सात्विक आनंद का स्वभाव।

प्रश्न 6.
हमारे पूर्वजों की इसी मनोवृत्ती का फल है, जो हम जगह-जगह अमराई देखते हैं। कौन-सी मनोवृत्ति?
उत्तर:
अपने स्वार्थी जीवन को त्यागकर दूसरों को सुख और आनंद पहुँचाने के सुंदर स्वभाव की मनोवृत्ति ।

प्रश्न 7.
बूढ़ा आदमी का ‘आम की गुठलियाँ बोना’ घटना का मुख्य आशय क्या है?
उत्तर:
हमें दूसरों को सुख और आनंद पहूँचानेवाले सात्विक आनंद के स्वभाव अपनाना चाहिए।

प्रश्न 8.
मान लें, रेलगाड़ी में सफर करनेवाली वृद्ध संभ्रांत महिला की नज़र डिब्बे में चिपके हुए विज्ञापन पर पड़ती है जो रक्तदान के महत्व को रेखांकित करता है। संकेतों के सहारे वह विज्ञापन तैयार करें।

  • समभाव
  • सहिष्णुता
  • मानव-प्रेम
  • जीवनदान

उत्तर:

स्वास्थ्य मंत्रालय का विज्ञापन
‘रक्तदान महादान है।’

भाईयो,…… बहनो,…..
रोगावस्था में पीड़ित भाई-बहनों से समभाव रखिए। सहिष्णुता और अनुकंपा रखकर जान बचाने के लिए | रक्तदान करके सहायता दीजिए। रक्तदान जीवनदान ही है!! सरकारी रक्तदान केन्द्रों में जाकर खुशी से रक्तदान कीजिए!! आपका रक्त कटेगा नहीं बढ़ेगा!! दूसरों की जान बचेगी।

प्रश्न 9.
संभ्रान्त महिला किस उम्मीद से फल और फूलों के बज़ फेंक रही है?
उत्तर:
उनमें से कुछ भी अगर जड़ पकड़ लेगें तो लोगों का इससे कुछ फायदा होगा।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित गद्यांश पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर लिखें।

एक वृद्ध संभ्रांत महिला रेलगाड़ी से सफ़र कर रही थी। वे खिड़की के पास बैठकर, बीच-बीच में अपनी मुट्ठी से कुछ चीज़ बाहर फेंकती जा रही थीं। एक सहयात्री ने, जो यह देख रहा था, पूछा, “यह आप क्या कर रही हैं?” उस महिला ने जवाब दिया, “ये सुंदर फलों और फूलों के बीज़ हैं। मैं इन्हें इस उम्मीद से फेंक रही हूँ कि इनमें से कुछ भी अगर जड़ पकड़ लेंगे तो लोगों का इससे कुछ फायदा होगा । पता नहीं इस रास्ते से फिर गुजरूँ या न गुजरूँ, इसलिए क्यों न मैं इस संधि का उपयोग क लूँ?”

i. रेलगाड़ी से कौन यात्रा कर रहीं थी?
उत्तर:
एक वृद्ध संभ्रात महिला।

ii. वे क्या कर रही थीं?
उत्तर:
अपनी मुट्ठी से सुंदर फलों और फूलों के बीज़ बाहर फेंकती जा रही थीं।

iii. सहयात्री ने क्या पूछा?
उत्तर:
सहयात्री ने पूछा : यह आप क्या कर रही हैं?

iv. गद्यांश का संक्षेपण करें।
उत्तर:
एक वृद्ध संभ्रात महिला रेलगाड़ी से सफर करते समय सुंदर फलों और फूलों के बीज़ बाहर फेंकती जा रही थीं। उनका उद्धेश्य था कि उनमें से कुछ भी अगर जड़ पकड़ लेंगे तो, लोगों का उससे कुछ फायदा होगा।

v. संक्षेपण केलिए उचित शीर्षक दें।
उत्तर:
जन-सेवा।

प्रश्न 11.
हमें किसके परे रहना चाहिए?
उत्तर:
घर भौतिकवाद और भोग-विलास की हाय-हाय से परे ।

प्रश्न 12.
किस प्रकार के लोगों को देखकर मानव जाति के भविष्य पर श्रद्धा और विश्वास कर सकते हैं?
उत्तर:
जमाने के अंधकार में भी आनंद की फुलझड़ियों से प्रकाश फैलाते रहनेवालों को देखकर ।

प्रश्न 13.
बेंचमिन फ्रांक्लिन ने विद्यार्थी की मदद कैसे की?
उत्तर:
उन्होंने विद्यार्थी को बीस डॉलर देकर मदद की।

प्रश्न 14.
कुछ दिनों के बाद विद्यार्थी डॉलर लौटाने आए तो फ्रांक्लिन ने क्या कहा?
उत्तर:
उन्होंने कहा : “मुझे याद तो नहीं है कि मैंने यह रक़म आपको कब दी। लेकिन खैर, आप इसे अपने ही पास रखिए और जब आपके पास कोई ऐसा ही जरूरतमंद आए तो उसे यह दे दीजिए।”

प्रश्न 15.
बीस डॉलर किनके हाथों में घूम रही है?
उत्तर:
जरूरतमंदों के हाथों में।

प्रश्न 16.
ज़रूरतमंद कौन-कौन हो सकता है?
उत्तर:
सहायता मिलने के लिए व्याकुल रहनेवाले सभी लोग ज़रूरतमंद होते हैं।

प्रश्न 17.
हमारा जीवन मुसीबतों से भरा पड़ा है । कैसे?
उत्तर:
अब लड़ाई, गरीबी, महंगाई और गुलामी से।

प्रश्न 18.
दुनिया रहने लायक कैसे बनी?
उत्तर:
निस्वार्थ और आदर्श-प्रिय लोगों की उपस्थिति से।

प्रश्न 19.
पैसा वापस देने आया छात्र औह बेंजमिन फ्रैंकलीन के बीच का वार्तालाप तैयार करें?
उत्तर:
छात्र : नमस्कार जी!
फ्रैंकलीन : नमस्कार।
छात्र : आप मुझे जानते हैं?
फ्रैंकलीन : याद नहीं, लगता है कि देखा है।
छात्र : मैंने आप से कुछ डॉलर माँग लिया था।
फ्रैंकलीन : कब?
छात्र : कुछ साल पहले मेरी पढ़ाई केलिए। अब मेरी पढ़ाई खतम हुई। वह डॉलर वापस देने आया हूँ।
फ्रैंकलीन : यह डॉलर मुझे नहीं, किसी ज़रूरतमंद को दो।
छात्र : आप का मन कितना अच्छा है!
फ्रैंकलीन : तुम से कोई ज़रूरतमंद व्यक्ति माँगे है तो उसे यह डॉलर दो। जाओ।
छात्र : ठीक है, धन्यवाद ।

प्रश्न 20.
किसके लिए छीना-झपटी होती थी?
उत्तर:
टिकट लेने के लिए।

प्रश्न 21.
टिकट बाबू किन बातों को सुना-अनसुना करके अपना काम करते रहे?
उत्तर:
टिकट लेने के लिए छीना-झपटी करनेवालों के परिहासों और धमकियों को।

प्रश्न 22.
टिकट बाबू की परेशानी का कारण क्या था?
उत्तर:
टिकट लेने के लिए बड़ी भीड़ थी। वहाँ पर छीना-झपटी होती थी। छोटी-सी खिड़की से टिकट के लिए घुसानेवाले अनेक हाथों को टिकट देने केलिए टिकटबाबू अकेला था।

प्रश्न 23.
टिकट बाबू पर इन शब्दों का अजीब असर पड़ा । क्यों?
उत्तर:
लेखक ने टिकट बाबू की परेशानी समझकर बड़ी सहानुभूति से व्यवहार करके मुसाफिरों को शांत किया।

प्रश्न 24.
टिकट बाबू को नई ताकत कैसे मिली?
उत्तर:
लेखक की सहानुभूति के शब्दों से टिकट बाबू को नयी … ताकत मिली।

प्रश्न 25.
टिकट बाबू का हृदय कब मोम-सा हो गया?
उत्तर:
टिकट बाबू के प्रति लेखक सहानुभूति दर्शाने पर।

प्रश्न 26.
टिकट बाबू से संबंधित घटना का ज़िक्र करते हुए लेखक अपने मित्र को पत्र लिखता है। वह पत्र तैयार करें।
उत्तर:

स्थान,
तारीख,

प्रिय मित्र रामू,

तुम कैसे हो? ठीक हो न? यहाँ पर मैं ठीक ही हूँ।
रामू, कुछ दिन पहले अपने काम से मुंबई जाने के लिए मैं टिकट लेने गया। वहाँ पर बड़ी छीना-झपटी होती थी। टिकट बाबू बड़ी परेशानी में था। लोग हल्ला करते थे, टिकट बाबू का परिहास करते थे। कुछ लोग उनको धमकी भी करता था। लेकिन टिकट बाबू इन बातों को सुना- अनसुना करके आपना काम करते रहे। मैं पास ही खड़ा था। मैंने बड़ी सहानुभूति से टिकट बाबू के बारे में यात्रियों से बात की। मेरी सहानुभूति देखकर टिकटबाबू को बड़ा आश्वास मिल गया। उन्होंने जल्दी मेरा टिकट दे दिया और एक नए उत्साह से अन्य यात्रियों को वे टिकट देने लगे।

प्रिय मित्र, दुसरों की कठिनाइयों को समझकर हमें व्यवहार करना चाहिए। हमारे कर्म और वचन से दूसरों को आश्वास मिला चाहिए।
यहाँ पर तुम कब आवोगो? तुम्हारी प्रतीक्षा में मित्र,

(हस्ताक्षर)
शेवड़े।

पताः
नाम

प्रश्न 27.
क्लर्क का तमाम दिन कैसे बीतता है?
उत्तर:
बैंक के रूखे आँकड़ों से माथापच्ची करते -करते क्लर्क का तमाम दिन बीतता है।

प्रश्न 28.
क्लर्क के किस गुण का सम्मान किया गया?
उत्तर:
अच्छी हस्तलिपि का।

प्रश्न 29.
क्लर्क का चेहरा प्रसन्नता से क्यों खिल उठा?
उत्तर:
लेखक के थोड़े-से शब्दों द्वारा क्लर्क के जीवन में किंचितमात्र सुख पहुँचने पर।

प्रश्न 30.
लेखक को क्यों प्रसन्नता महसूस हुई?
उत्तर:
प्रय लेखक को थोड़े-से शब्दों द्वारा बैंक के क्लर्क के जीवन में थोड़ा सुख पहूँचते देखकर लेखक को प्रसन्नता महसूस हुई।

प्रश्न 31.
बैंक का क्लर्क अपनी हस्तलिपि की तारीफ सुनने पर बहुत खुश हुआ। घर आने पर पत्नी उसकी खुशी का कारण जानना चाहती है-दोनो के बीच का संभावित वार्तालप लिखें।
उत्तर:
पत्नी : आज आप बहुत खुश है ….
क्लर्क : हाँ-हाँ….
पत्नी : कारण क्या है?
क्लर्क : एक कारण है।
पत्नी : मुझे भी बताओ….
क्लर्क : तुम जानना चाहती हो?
पत्नी : क्यों नहीं?
क्लर्क : तुम अनंत गोपाल शेवड़े को…
पत्नी : ओहो… सुप्रसिद्ध लेखक?
क्लर्क : जानती हो उन्हें?
पत्नी : सुनी तो है।
क्लर्क : आज उन्होंने मेरे बैंक में…
पत्नी : बैंक में?
क्लर्क : आये थे।
पत्नी : तो ?
क्लर्क : उन्होंने मेरी हस्तलिपि की …..
पत्नी : प्रशंसा की?
क्लर्क : हाँ…हाँ…
पत्नी : बड़ी बात है।
क्लर्क : हाँ…हाँ…

प्रश्न 32.
बैंक क्लर्क ने अपनी डायरी में क्या लिखा होगा? वह डायरी तैयार करें।
उत्तर:
तारीख
आनंद नगर :
आज का दिन बहुत अच्छा है। आज मुझे मिली प्रशंसा एक पंखुडी के समान मुझे अब भी सहलाती है। वह आदमी कितना अच्छा है! आज पहली बार बैंक के बोरिंग समय में कुछ राहत मिली। उस आदमी ने खाता खोलने के लिए आया था। मैं उनका नाम और पता लिखते समय उन्होंने मेरी हस्तलिपि पर ध्यान दिया और कहा ‘ब्यूटिफुल’! मेरा मन खुशी से भरा। सब लोगों ने मेरी हस्तलिपि देखी थी, पर किसीने भी मुझ से कुछ नहीं कहा था । अब मैं गर्व का अनुभव करने लगा। बड़ी खुशी से मैंने उनसे बातें कीं। पत्नी से भी यह बात कही। यह दिन में कभी नहीं भूलूंगा।

प्रश्न 33.
आनंद की फुलझड़ियाँ निबन्ध में लेखकने रेल विभाग के एक टिकट बाबू से करुणा प्रकट की थी। उस दिन के टिकट बाबू की डायरी तैयार करें।
उत्तर:

तारीख

आनंद शहर :
आज का दिन अच्छा दिन था। एक आदमी ने मुझे आज ठीक समझा है। यह बात मेरे मन में खुशी भरती है। यात्रियों की भीड़, उनकी परेशानियाँ, धमकियाँ आदि – आदि ने मुझे बहुत परेशानियाँ देती थीं। टिकट कौंटर में हर दिन अकेला रह गया हूँ। मेरी कठिनाइयों पर किसी ने ध्यान नहीं किया था। पर आज एक सज्जन ने मुझपर ध्यान देकर मेरी मदद की। टिकट लेने केलिए खड़े लोगों से मेरी परेशानियों के बारे में बताने की कृपा उन्होंने की। यह एक अजीब बात थी। उनकी सहानुभूति देखते वक्त मेरा हृदय मोम जैसा बन गया। वे शब्द मेरे मन में सांत्वना देने लायक थे। उस घटना के बाद मैं शांत भाव से टिकट देने में समर्थ हुआ।

वे कौन होंगे? जाते वक्त उन्होंने कहा कि फिर मिलें। ज़रूर उनसे मिलना चाहिए। ऐसे सज्जनों से परिचय पा लेना कितनी अच्छी बात है! आज का दिन मैं कभी नहीं भूलूंगा।

प्रश्न 34.
निम्नलिखित अर्थों के समानार्थी मुहावरों को लेख से छाँटकर लिखें।
(नष्ट होना, विपत्ति के दिनों के बाद सुख का दिन आना, सहन करना, हिम्मत करना, किसी के अच्छे काम की न्यायदृष्टि से प्रशंसा करना)
उत्तर:
रसातल में जाना = नष्ट होना
दिन फिरना = विपत्ति के दिनों के बाद सुख का दिन आना
ताना कसना = सहन करना
दिल कडा करना = हिम्मत करना
दाद देना = किसी के अच्छे काम की न्यायदृष्टि से प्रशंसा करना

प्रश्न 35.
सूचनाः यह गद्यांश पढ़िए और नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:

नाविक भोलाराम रेलगाड़ी के वातानुकूलित डिब्बे में बैठ रहे थे। उनके पास काफ़ी रुपये थे। एक लड़की भी उस डिब्बे में आ बैठी। उसने नाविक से बातें शुरू की। उसने अपनी गरीबी का जिक्र किया तो नाविक ने पूछा कि इतनी गरीबी में भी वातानुकूलित डिब्बे में तुम क्यों यात्रा कर रही हो? तब लड़की ने कहा कि उसकी शादी तय हो चुकी है। और अपने ससुरालवालों को प्रभावित. करने केलिए वह इस डिब्बे में यात्रा कर रही है। फिर उस लड़की ने नाविक से कुछ रुपया माँग लिया तो उसने देने से इनकार कर दिया। तब लड़की ने उसको धमकी देकर कहा कि मुझे बीस हज़ार रुपये दें दो, नहीं तो मैं तुम्हारे ऊपर झूठे इल्ज़ाम लगाउँगी। गाड़ी रुकी तो लड़की ने पुलिस से कहा कि नाविक ने अपने हाथ से मेरा मुँह बंद कर लिया और दूसरे हाथ से मुझे खींचकर मेरी इज्जत लूटने की कोशिश की है। लेकिन जाँच करने पर पुलिस को मालूम हुआ कि नाविक के दोनों हाथ कटे हुए हैं। झूठे इल्ज़ाम लगाने के अपराध में लड़की पकड़ी गयी।
(इल्ज़ाम – आरोप, इज्जत लूटना – अपमानित करना)

i) इस गद्यांश से कौन सा सन्देश मिलता है?
उत्तर:
हमें कभी भी कपट न होना चाहिए।

ii) इस गद्यांश का संक्षेपण करें और उचित शीर्षण लिखे।
उत्तर:
कपटता :
एक लड़की ने भोलाराम नामक एक बिना हाथवाला नाविक के साथ रेलगाड़ी में यात्रा करते समय धोखा देने की कोशिश की। पुलिस आकर लड़की को पकड़ा।

प्रश्न 36.
हिंदी भारत की राजभाषा एवं राष्ट्रभाषा है- ‘सीखें हिंदी, सिखाएँ हिंदी’ – इस विषय पर निबंध लिखिए।
उत्तर:

सीखें हिंदी, सिखाएँ हिंदी

भारत में अनेक भाषाएँ हैं। भाषाओं को उपभाषाएँ और प्रादेशिक भाषाएँ भी हैं। लेकिन भारत के अधिकांश लोगों से बोलनेवाली भाषा हिंदी है। इसलिए हिंदी को भारत की संपर्क भाषा के रूप में माना जाता है। हिंदी भारत की राजभाषा एवं राष्ट्रभाषा है। हिंदी एक सरल भाषा है। हमें यह जानने से खुशी होगी कि संसार में सबसे ज्यादा बोलनेवाली तीसरी भाषा हिंदी है। आज हिंदी अन्तर्देशीय भाषा के रूप में प्रचलित होती जाती है।

भारत विविधता का देश है। लेकिन हिंदी एकता की कड़ी है। भारत की संस्कृति हिंदी से जुड़ी रहती है। हिंदी समृद्ध साहित्य से भी संपन्न है।

हिंदी का प्रचार करना प्रत्येक भारतीय का दायित्व है। हिंदी के प्रचार से भारत में एकता बढ़ेगी। इससे यह .मतलब नहीं है कि अन्य प्रादेशिक भाषाएँ महत्वपूर्ण नहीं है और वे तिरस्कृत हो जायें। प्रादेशिक भाषाओं का भी संरक्षण होना चाहिए। हिंदी के प्रचार से भारत की अखंडता सदा सुरक्षित रखें।

आनंद की फूलझडियाँ Previous Years Questions & Answers

प्रश्न 1.
निम्नलिखित सहायक बिंदु के आधार पर वार्तालाप तैयार कीजिए।
संभ्रान्त महिला रेलगाड़ी से कुछ चीजें बाहर फेंकती जा रही थी। तब सहयात्री और संभ्रान्त महिला के बीच का संभावित वार्तालाप तैयार कीजिए। सहायक बिंदुः

  • रेलगाड़ी से चीजें बाहर फेंकना
  • सहयात्री द्वारा पूछा जाना
  • निःस्वार्थ सेवा
  • दुनिया में रहने लायक

उत्तर:
सहयात्री : यह आप क्या फेंक रही हैं?
महिला : मैं……?
सहयात्री : हाँ…. हाँ…….
महिला : तुम देखते नहीं?
सहयात्री : इसलिए तो पूछता हूँ।
महिला : ये तो बीज हैं।
सहयात्री : बीज?
महिला : हाँ… हाँ… फल-फूलों के बीज हैं।
सहयात्री : इनको खिड़की से क्यों फैंकती हैं?
महिला : इनमें कुछ जड़ पकड़ लेंगे।
सहयात्री : तो फिर?
महिला : तब फायदा होगा।
सहयात्री : फायदा? किस प्रकार?
महिला : फूलेंगे, फलेंगे।
सहयात्री : तब?
महिला : मनुष्य के लिए उपयोगी होंगे।
सहयात्री : अरे बापरे! आप तो महान कार्य कर रही हैं।
महिला : यह लो….आप भी फेंकिए।
सहयात्री : हाँ…… हाँ….. दीजिए।

प्रश्न 2.
मान लीजिए, आनंद की फूलझड़ियाँ इस निबंध का लेखक आत्मकथा लिखता है। आत्मकथा में टिकट बाबू के प्रसंग का उल्लेख है। निम्नलिखित सहायक बिंदु के आधार पर वह आत्मकथांश तैयार कीजिए।
सहायक बिंदुः

  • लेखक का मुंबई जाना।
  • टिकट काऊंटर के पास भीड़ लगना ।
  • टिकट बाबू का परेशान होना ।
  • लेखक द्वारा टिकट बाबू के प्रति सहानुभूति प्रकट करना।

उत्तर:
आत्मकथा  :
कुछ साल पहले की बात है। मुझे जल्द ही मुंबई पहूँचना था। मैं टिकट लेने केलिए टिकट काउंटर पहूँचा । लड़ाई के कारण गाड़ियों की संख्या कम थी। इसलिए काउंटर के पास बहुत भीड़ लगी हुई थी। टिकट बाबू परेशानी से टिकट बनाते थे। लेकिन भीड़ ज्यादा होने के कारण उसे ठीक तरह से सभी लोगों को टिकट बन नहीं पा रहे थे। लोगों की ओर से कई प्रकार के बुरे टिप्पणियाँ उन पर हो रहे थे। इसका असर उपनर और बुरी तरह से हो रहे थे। बाबू कितने ही ईमानदारी से काम करें लोग उनपर शक से बात करते थे। यह सब देखकर मुझे बहुत दुख हुआ। वह पूरी ताकत से काम कर रहे थे, फिर भी लोग उनपर गालियाँ दे रहे थे। मैं वहाँ के लोगों को समझाया कि बाबू बहुत कोशिश कर रहे हैं और उसे कुछ समय दीजिए। मैं बाबु से ऐसे बातें किया कि उसे कुछ आश्वास मिला। मेरा सहानुभूति का असर उनपर हुआ। वह फिर पूरी कोशिश की और मुझे धन्यवाद भी अदा की। मुझे पूरा यकीन था कि अच्छे वाक्यों का अच्छा असर हो जायेगा।

आनंद की फूलझडियाँ Summary in Malayalam

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आनंद की फूलझडियाँ शब्दार्थ

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