Plus Two Hindi Previous Year Question Paper March 2019

Kerala State Board New Syllabus Plus Two Hindi Previous Year Question Papers and Answers.

Kerala Plus Two Hindi Previous Year Question Paper March 2019 with Answers

Board SCERT
Class Plus Two
Subject Hindi
Category Plus Two Previous Year Question Papers

Time: 21/2 Hours
Cool off time: 15 Minutes
Maximum: 80 Score

General Instructions Candidates:

  • There is a ‘Cool-off time’ of 15 minutes in addition to the writing time.
  • Use the ‘Cool-off time’ to get familiar with questions and to plan your answers.
  • Read questions carefully before answering.
  • Read the instructions carefully.
  • Calculations, figures and graphs should be shown in the answer sheet itself.
  • Give equations wherever necessary.
  • Electronic devices except non-programmable calculators are not allowed in the Examination Hall.

सूचना : कवितांश पढ़ें और 1 से 3 तक के प्रश्नों के उत्तर लिखें :

नीलांबर परिधान हरित तट पर सुंदर है।
सूर्य-चंद्र युग मुकुट, मेखला रलाकर है।।
नदियाँ प्रेम प्रवाह फूल तारे मंडन हैं।
बंदीजन खग-वृंद, शेषफन सिंहासन है।।
करते अभिषेक पयोद हैं, बलिहारी इस वेष की।
हे मातृभूमि! तू सत्य ही, सगुण मूर्ति सर्वेश की।।

प्रशन 1.
मातृभूमि की मेखला क्या है? (1)
उत्तर :
रत्नाकर

प्रशन 2.
कवि ने प्रकृति के किन-किन दृश्यों द्वारा मातृभूमि का वर्णन किया है? (2)
उत्तर :
नीलाकाश, हरियाली, सूर्य-चन्द्र, समुद्र, नदियाँ, पक्षियों का समूह आदि के द्वारा कवि ने मातृभूमि का गुणगान किया है।

प्रशन 3.
कवितांश की आस्वादन टिप्पणि लिखें। (5)
उत्तर :
द्विवेदीयुग के प्रसिद्ध कवि हैं श्री मैथिली शरण गुप्त । गुप्तजी की एक प्रसिद्ध कविता है मातृभूमि । इसमें उन्होंने अपने जन्मभूमि का गुणगान किया है। गुप्तजी की प्रमुख रचनाएँ हैं साकेत, यशोधरा, पंचवटी आदि।

नीलांबर रूपी वस्त्र पहनकर, हरियाली भरे तट पर, सूर्य-चंद्र का मुकुट धारण करके सागर रूपी मेखला पहनकर मातृभूमि शोभित है। नदियाँ यहाँ प्रेम-प्रवाह करती है। फूल और तारे इसके आभूषण हैं। पक्षियाँ इसके बंदीजन हैं। शेष नाग के फन रूपी सिंहासन पर विराजित है मातृभूमि। इसके ऊपर बादल प्रेम का अभिषेक कर रहे हैं। सर्वेश के सभी गुणों से युक्त मातृभूमि पर कवि आत्मसमर्पण कर रहे हैं।

सरल शब्दों द्वारा कवि ने मातृभूमि पर अपनी जान अर्पित करने की प्रेरणा दी है। भारतीय परंपरा के अनुसार माँ और मातृभूमि स्वर्ग से भी महान है।

सूचनाः सही मिलान करें। (8 × 1 = 8)

प्रशन 4.
Advance – पारिस्थितिकी
Virus – उपकर
Ecology – अनुपात
Copyright – भूगोल
Cess – पेशगी
Geography – विषाणु
Ratio – औसत
Average – सर्वाधिकार
उत्तर :
Advance – पेशगी
Virus – विषाणु
Ecology – पारिस्थितिकी
Copyright – सर्वाधिकार
Cess – उपकर
Geography – भूगोल
Ratio – अनुपात
Average – औसत

सूचना : 5 से 8 तक के प्रश्नों में से किन्हीं 3 के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें। (3 × 2 = 6)

प्रशन 5.
‘ज़मीन एक स्लेट का नाम है’ नामक आत्मकथांश में दो विदाइयाँ हैं, वे कौन-कौन सी हैं?
उत्तर :
यहाँ दो बिदाइयाँ हो रही हैं। वे हैं बेटी की बिदाई और ज़मीन की बिदाई।

प्रशन 6.
मुरकी राजवंती के घर कैसे पहूँची?
उत्तर :
एक दयालु व्यक्ति से राह का भाडा लेकर मुरकी राजवंती के घर पहुँच गयी।

प्रशन 7.
‘हरषित देखि दूध की द॑तियाँ
प्रेम मगन तनु सुधि भूली’
यशोदा अपने आपको भूल गई। क्यों?
उत्तर :
अपने पुत्र के मुख पर दूध की दंतियाँ देखकर यशोदा अपने आपको भूल गई।

प्रशन 8.
‘लेकिन अभी तो हम लकड़ी की भीगी हुई कब्र में जिंदा ही दफ़न है’ – बादशाह ऐसे क्यों सोचते हैं?
उत्तर :
बादशाह को मालूम है कि उसका अंत भी अंग्रेज़ों के कैद में ही होगा। इसलिए बादशाह ऐसा सोचते हैं।

सूचना : 9 से 13 तक के प्रश्नों में से किन्हीं 4 के उत्तर पाँच या छः वाक्यों में लिखें। . (4 × 4 = 16)

प्रशन 9.
जीवन-वृत के आधार पर प्रसिद्ध कवि कुँवर नारायण के बारे में एक अनुच्छेद तैयार करें।
नाम : कुँवर नारायण
जन्म : 1927
जन्मस्थान : उत्तर प्रदेश के फैज़ाबाद
रचनाएँ : चक्रव्यूह, अपने सामने, कोई दूसरा नहीं, इन दिनों
पुरस्कार : ज्ञानपीठ
अन्य विधाएँ : कहानी, समीक्षा, सिनेमा
उत्तर :
कुंवर नारायण हिंदी के विख्यात समकालीन कवि है। उनका जन्म 1927 में उत्तरप्रदेश के फैज़ाबाद में हुआ। हिंदी साहित्य जगत के नई कविता आंदोलन के सशक्त हस्ताक्षर है श्री कुंवर नारायण। चक्रव्यूह, अपने सामने, कोई दूसरा नहीं आदि उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं। कविता के अलावा कहानी, समीक्षा, सिनेमा आदि क्षेत्रों में भी उन्होंने अपनी प्रतिभा दिखायी है। देश के सर्वोच्च साहित्य पुरस्कार ज्ञानपीठ से 2005 में वे सम्मानित हुए।

प्रशन 10.
‘नभ गुंजाती
नीड़ गिरे शिशु पै
मँडराती माँ’ – ‘माँ की ममता अतुलनीय है’
हाइकू के आधार पर अपना विचार स्पष्ट करें।
उत्तर :
हिन्दी काव्य जगत में हाइकू को अलग पहचान दिलानेवाला कवि है श्री भगवत शरण अग्रवाल। मूल रूप से हाइकू जापानी कविता है। यह आज हिंदी में भी लिखी जाती है। प्रस्तुत हाइकू अग्रवालजी के इन्द्रधनुष नामक काव्य संग्रह से ली गई है। इसमें माँ की ममता का वर्णन करते हैं।

कवि कहते हैं, वर्षा होने पर पेड़ों से नीड़ नीचे गिरते हैं। ” परंतु नीचे गिरे बच्चों को छोड़कर उनकी माँ उड़ नहीं जाती हैं। माँ की ममता अतुलनीय है। कम शब्दों में बड़ी बातें कहने की क्षमता हाइकू में है। यह हाइकू इसका सफल उदाहरण है।

प्रशन 11.
‘भारत जीवन और स्वतंत्रता की नई सुबह के साथ उठेगा’ – नेहरूजी ऐसा क्यों कहते हैं?
उत्तर :
भारत सदियों से गुलाम था। गुलामी की अवस्था में एक देश की जनता अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार देश की प्रगति में सहायता नहीं कर सकती। नेहरूजी का विश्वास है कि आज भारत स्वतंत्र हो रहा है। इसलिए स्वतंत्र भारत की जनता देश की प्रगति में खुद को अर्पित करेगी। नेहरूजी का विश्वास है प्रत्येक भारतीय स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद कठिन परिश्रम द्वारा देश की प्रगति के लिए आगे आएगा।

प्रशन 12.
‘मन दीवार पर अपना विस्तृत घर खींचने लगी’
सपने के घर में कौन-कौन सी चीजें शोभा देती हैं?
उत्तर :
एक कमरेवाली झोंपड़ी में रहनेवाली स्त्री के सपने के घर में कई कमरे, रंग-बिरंगी दीवारें, संगमरमर की ज़मीन, ग्रानइट की रसोई एवं अन्य सारी सुख-सुविधाएँ हैं। घर में मेज़-कुर्सियाँ, टी.वी., होम थियेटर जैसी सारी चीजें हैं। सरोईघर की शान बढ़ाने के लिए फ्रिड्ज और माइक्रोवेव भी हैं। सपने के घर की शोभा बढ़ाने के लिए ये सब चीजें है।

प्रशन 13.
निम्नलिखित कथनों के आधार पर राजवंती के चरित्र पर टिप्पणी लिखें :
‘मैं प्यार से उसको मुरकी बुलाती थी कभी बुलाकी’
‘बड़ी मासूम-सी मातृहीन’
‘मरे जीते जी कभी कोई तुझसे यह चाबी नहीं छीनेगा’
उत्तर :
अमृता प्रीतम द्वारा रचित मुरकी उर्फ बुलाकी कहानी का प्रमुख पात्र है राजवंती। राजवंती मुरकी को एक नौकरानी के रूप में नहीं बल्कि अपनी बेटी के रूप में मानती थी। इसलिए ही वह मुरकी को दो नाम – मुरकी और बुलाकी – पुकारती है। उसकी भविष्य के बारे में भी राजवंती चिंतित थी। राजवंती दयालू और परोपकारी भी थी। दूसरों के प्रति उसके दिल में सच्ची सहानुभूति है। इसलिए ही वह कुमार द्वारा प्रण भी करवाती है कि कुमार मुरकी को उसकी कोठरी से कभी नहीं निकालेगा।

सूचना : गद्यांश पढ़ें और प्रश्न संख्या 14, 15 के उत्तर लिखें।

जब-जब मेरे घर-आँगन में ‘गुलमोहर’ खिलता है, तो मुझे भटके हुए पीर की याद आ जाती है, जो पग-पग पर खड़ा होकर प्यासों को पानी पिलाता है। चटख गुलमोहर की तरह चटख गर्मी की उस दोपहर में आँचल का छाता लिए जब मैं एक पटरी पर खड़ी होकर स्कूटर का इंतज़ार कर रही थी, तो मेरे पास एक स्कूटरवाला आकर खड़ा हो गया, मेरे कानों में एक आवाज़ गूंजी, ‘कहाँ जाइएगा’। पहले तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि किसी चालक की आवाज़ इतनी मधुर भी हो सकती है? मुझे जिस दिशा की ओर जाना था, उसे बताया तो उसने ‘हाँ’ की मुद्रा में सिर हिलाकर कहा ‘बैठिएगा’। इस करख्ती भरी दुनिया में जब करख्त आवाजें ही सुनाई देती हों, और एक ही आवाज़ मिश्री घुली हो, तो अचरज तो होता ही है।

प्रशन 14.
लेखिका को क्यों अचरज हुआ? (2)
उत्तर :
करख्ती भरी दुनिया में करख्त आवाज़ों के बीच जब स्कूटरवाले का मधुर शब्द सुना तो लेखिका को अचरज ‘हुआ।

प्रशन 15.
गद्यांश का संक्षेपण करें और शीर्षक लिखें। (6)
उत्तर :
अजब स्कूटरवाला

घर के आँगन में गुलमोहर देखने पर मुझको स्कूटरवाले की याद आती है। एक दोपहर में जब मैं स्कूटर का इंतजार कर रही थी तब वह मेरे सामने आया था। उसका मधुर आवाज़ और सुंदर व्यवहार मुझे चकित कर दिया।

सूचना : 16 से 19 तक के प्रश्नों में से किन्हीं 3 के उत्तर लिखें। (3 × 6 = 18)

प्रशन 16.
मुरली की ध्वनि में लीन दो गोपिकाओं के बीच होने वाली संभावित बातचीत तैयार करें।
– सब कामकाज भूल गई
. लोक-लाज की परवाह नहीं किया
– अनुशासन से डरी नहीं
उत्तर :
पहली गोपिका : हाय री, क्या तू ने कृष्ण की मुरली सुनी?
दूसरी गोपिका : हाँ, हाँ। कब से सुन रही हूँ! कितना मधुर है यह धुन।
पहली गोपिका : ठीक है री। मन को मोहित कर लेती है वह आवाज़।
दूसरी गोपिका : उससे मिलने के लिए तरस रही है।
पहली गोपिका : तो चल, हम अभी जाएंगी।
दूसरी गोपिका : अरे कैसे जाएँगे हम। घर में माँ जी है। उनसे कहे बिना हम नहीं जाएँगे।
पहली गोपिका : पर मैं अपने को रोक नहीं पा रही हूँ। उनसे मिले बिना कैसे जाएँगे हम!
दूसरी गोपिका : ठीक है। ठीक है। तो हमें कुछ न कुछ झूठ बोलना ही पड़ेगा।
पहली गोपिका : अच्छा! तो हम चलते हैं।
दूसरी गोपिका : जल्दी चल। पहले हम कालिन्दी तट पर जाएँगे।

प्रशन 17.
विश्व हिंदी सम्मेलन में भाग लेने के लिए सूरीनाम पहँचे लेखक उस दिन की डायरी लिखता है। लेखक की डायरी 60-80 शब्दों में तैयार करें।

  • उद्घाटन समारोह ।
  • हिंदी का प्रचार-प्रसार
  • प्रकृति वर्णन

उत्तर :

14
सितंबर
2019

बुधवार

पारामारिबो’
रात नौ बजे।
सफलता का दिन……

एक सपना आज साकार हो रहा है…….. विश्व हिंदी सम्मेलन में भाग लेने की इच्छा आज साकार हुआ। पारामारिबो शहर की पुण्यभूमि में सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। राष्ट्रपति का उद्घाटन भाषण में हिंदी और उसकी गरिमा के बारे में उन्होंने खूब कहा। भारत और सूरीनाम के बीच पुराना भाषाई संबंध है। हिंदी के प्रचार-प्रसार में हिंदी फिल्मी गीतों और संगीत की बड़ी भूमिका है। हरियाली से आच्छादित यह भूमि के साथ-साथ हमारी हिंदी भाषा भी ‘अमर रही है।

प्रशन 18.
‘ये दोस्ती…
हम नहीं तोड़ेंगे
तोड़ेंगे दम मगर
तेरा साथ ना छोड़ेंगे’
दोस्ती के महत्व के बारे में 60-80 शब्दों में टिप्पणी तैयार करें।
उत्तर :
दोस्ती जीवन की कसौटी है। शोले फिल्म के दोस्ती नामक गीत में दोस्ती का ही गुणगान किया है। कवि के शब्दों में, मृत्यु के सामने दोस्ती के विजय होती है। दोस्ती में सुख-दुख, विजय-पराजय सब एक जैसा है। एक दूसरे के लिए जीने और मरने के लिए सच्चे दोस्त तैयार हो जाते हैं। देखने में अलग होते हुए भी दोस्त एक ही है। शरीर अलग है, मगर दिल से दोस्त एक ही है। सच्ची दोस्ती ऐसी ही है।

प्रशन 19.
खंड का हिंदी में अनुवाद करें।
Hindi is very important for our country. It is our National language. Hindi is life for us because it is that language by which we can express our feelings. It is a very easy language which can be spoken by everyone.
(important – महत्वपूर्ण, express – अभिव्यक्त करना)
उत्तर :
हिंदी देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हमारी राष्ट्रभाषा है। इसके द्वारा हम अपने विचारों को अभिव्यक्त कर सकते हैं। इसीलिए यह हमारी जीवन ही है। यह बहुत अच्छी और आसान भाषा है जिसका सभी लोग आसानी से प्रयोग कर सकते हैं।

सूचना : 20 से 22 तक के प्रश्नों में से किन्हीं 2 के उत्तर लिखें। (2 × 8 = 16)

प्रशन 20.
नये मॉडल का स्कूटर बाजार में आया है। बिक्री बढ़ाने के लिए उचित विज्ञापन तैयार करें।

  • आकर्षक रंग
  • नया मॉडल
  • कम दाम
  • मैलेज ज्यादा

उत्तर :
Plus Two Hindi Previous Year Question Paper March 2019, 1

प्रशन 21.
पति द्वारा उपेक्षित बुलाकी को राजवंती अपने यहाँ आश्रय देती है – इसके बारे में राजवंती अपनी सहेली को एक पत्र लिखती है। वह पत्र तैयार करें।

  • राजवंती के यहाँ आश्रय मिलना
  • पति द्वारा उपेक्षित मुरकी
  • जीवन भर चाबीं न छीनने का वादा मिलना

उत्तर :

मुंबई,
16.04.2016

प्रिय वाणि,
मेरा विश्वास है कि भगवान की कृपा से तुम ठीक हैं। घरवाले सब कुशल तो हैं न? मैं यहाँ खुश तो हूँ मगर एक खास बात दिल को घेर रही है………

बुलाकी को तुम जानती हो न? उसकी ब्याह के बारे में एक बार मैं ने तुम्हें पत्र लिखा था। अब वह संकट में पड़ गयी है। अब वह उपेक्षित है। उसका पति किसी और स्त्री के साथ गया। बेचारी मुरकी को मैं ने यहाँ आश्रय दिया है। मेरे घर में एक कोठरी मैं ने उसको दिया और घर की चाबी भी। जब स्त्री के पास रहने को घर न हो…. आखिर, औरत की जात न जाने कैसी होती है। जो मुझसे हो सका मैं ने किया। ईश्वर उसकी रक्षा करें। हाँ, वीणा, अब मैं आश्वस्त हूँ। सब कुछ तुम्हें भी बता दिया। अब मैं यह पत्र समाप्त करती हूँ।

दो महीने बाद मैं दिल्ली आ रही हूँ। तब ज़रूर तुमसे मिलूँगा। माँ जी को मेरा प्यार और प्रणाम कहना। जवाबी पत्र की प्रतीक्षा में।

तुम्हारी,
राजवंती
हस्ताक्षर

प्रशन 22.
‘नशीली चीज़ों का उपयोग’ विषय पर 100 – 120 शब्दों में एक भाषण तैयार करें।
– नशीली चीज़ों का बढ़ता उपयोग
– युवा पीढ़ी पर प्रभाव
. स्वास्थ्य पर हानि
. निवारण के उपाय ।
उत्तर :
मेरे प्रिय छात्रों…….
आज मैं आप सबके सम्मुख खड़ा हूँ। आप लोगों को एकसाथ देखकर मैं अत्यंत खुश भी हूँ। आज एक खास विषय पर आपसे कुछ कहने के लिए ही मैं यहाँ खड़ा हूँ। यह अत्यंत दुःख की बात है कि आजकल युवा पीढ़ी में नशीली चीज़ों का उपयोग बढ़ता आ रहा है। नशीली चीज़ों का प्रभाव इतना बढ़ गया है कि नशा मिलने के लिए युवा पीढ़ी कुछ भी करने के लिए तैयार हो रहा है। हमें यह पहचानना चाहिए कि इसका बुरा असर आदमी को समाज और परिवार से दूर कर रहे हैं। इसके उपयोग से स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। परिवार की आर्थिक स्थिति भी अत्यंत बुरा बन जाता है। इसके फलस्वरूप लोग कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाते हैं। आज के समाज और नयी पीढ़ी को नशीली चीज़ों के उपयोग से अपने आपको दूर रखना चाहिए।

जय हिंद।